किसानों की मांगें
किसान नेताओं ने कहा कि जवाई बांध के बनने के बाद जवाई नदी का पानी कम हो गया है, जिससे आसपास के कुओं का जलस्तर गिरने लगा है। उन्होंने जवाई नदी में पानी छोड़ने और जल नीति 2010 को लागू करने की मांग की। इसके अलावा, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ 2023 के क्लेम की अपीलों को खारिज करने की भी मांग की गई। किसान नेताओं ने खड़ी फसल पर हुए नुकसान का मुआवजा देने का भी आग्रह किया।
महापड़ाव और जाम
किसान जब ट्रैक्टरों में सवार होकर महापड़ाव स्थल पर पहुंचे तो शहर में जाम की स्थिति बन गई। करीब डेढ़ घंटे तक जाम लगा रहा। पुलिस अधिकारियों की समझाइश पर ट्रैक्टरों को एक स्थान पर खड़ा किया गया, जिसके बाद जाम की स्थिति शांत हुई।
किसानों की रसोई सड़क पर
महापड़ाव के दौरान किसानों ने कलक्ट्रेट के बाहर सड़क पर ही अपनी रसोई शुरू कर दी। वहां लापसी और दाल-बाटी बनाई गई, जो किसानों ने एकजुटता के साथ खाई।
किसानों का संकल्प
किसान नेताओं ने कहा कि जब तक कोई मंत्री या राज्य स्तरीय अधिकारी उनसे वार्ता करने नहीं आता, उनका महापड़ाव जारी रहेगा। धरने के बाद किसानों ने नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को लेकर कलक्टर से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा।