मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और झारखंड में हो रहे उपचुनाव का परिणाम 23 नवंबर को घोषित होगा। इन चुनावों में एमपी के बड़े नेताओं द्वारा किए गए प्रचार का असर भी साफ हो जाएगा।
एमपी के नेताओं का चुनावी प्रचार:
महाराष्ट्र और झारखंड में उपचुनाव के दौरान मध्यप्रदेश के दिग्गज नेताओं ने जमकर प्रचार किया। बीजेपी की तरफ से शिवराज सिंह चौहान, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, कैलाश विजयवर्गीय, विश्वास सारंग, और नरोत्तम मिश्रा जैसे नेता मैदान में उतरे। वहीं, कांग्रेस की तरफ से उमंग सिंघार, अजय सिंह, जीतू पटवारी और कुणाल चौधरी ने प्रचार किया।
भाजपा की रणनीति:
- कैलाश विजयवर्गीय को नागपुर की जिम्मेदारी दी गई थी।
- नरोत्तम मिश्रा ने विदर्भ के गोंदिया क्षेत्र में प्रचार किया।
- डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल और विश्वास सारंग भी विदर्भ क्षेत्र में सक्रिय रहे।
- जगदीश देवड़ा को पुणे क्षेत्र में प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी गई।
- अंतिम चरण में शिवराज सिंह चौहान, प्रहलाद पटेल, और मोहन यादव ने सभाएं और रोड शो किए।
- हितानंद और जयभान सिंह पवैया ने भी प्रचार में अहम भूमिका निभाई।
कांग्रेस की रणनीति:
- उमंग सिंघार ने नागपुर और आसपास के क्षेत्रों में प्रचार किया।
- अजय सिंह को मुंबई क्षेत्र का जिम्मा दिया गया।
- जीतू पटवारी ने विभिन्न क्षेत्रों में सभाएं की।
- कुणाल चौधरी भी नागपुर क्षेत्र में सक्रिय रहे।
क्या होगा परिणाम?
इन नेताओं द्वारा किए गए प्रचार का असर 23 नवंबर को उपचुनाव के नतीजों के साथ सामने आएगा। एमपी के इन दिग्गज नेताओं की रणनीति और मेहनत कितनी कारगर रही, यह देखना दिलचस्प होगा।