वायु प्रदूषण और दिल की सेहत
- PM2.5 कणों का खतरा: प्रदूषण के कारण हवा में PM2.5 और PM10 जैसे छोटे कण होते हैं, जो सीधे हमारे फेफड़ों और रक्त में घुस सकते हैं और दिल की धमनियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- ब्लड प्रेशर और थक्कों का बढ़ता खतरा: प्रदूषण रक्त वाहिकाओं को सख्त कर देता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर और खून गाढ़ा होने की समस्या हो सकती है, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकती है।
- दिल की धड़कन पर असर: प्रदूषण दिल की इलेक्ट्रिकल प्रणाली को प्रभावित कर सकता है, जिससे दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है।
वायु प्रदूषण के लक्षण जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए
- सीने में दर्द या भारीपन: सीने में असहजता होना दिल की समस्या का संकेत हो सकता है।
- घबराहट और सांस में तकलीफ: प्रदूषण दिल पर दबाव डाल सकता है और ये लक्षण बढ़ा सकता है।
- गले में चोकिंग जैसा महसूस होना: यह प्रदूषण के कारण फेफड़ों और दिल पर बढ़ते दबाव का संकेत हो सकता है।
लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने के खतरे
- हाई ब्लड प्रेशर का बढ़ना
- दिल की कार्यक्षमता में कमी
- हार्ट फेलियर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं
प्रदूषण से दिल को बचाने के उपाय
- घर के भीतर सुरक्षित वातावरण बनाएं
- एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें, खासकर अगर घर में दिल के मरीज हैं।
- खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें जब बाहर का AQI “खतरनाक” हो।
- शारीरिक गतिविधियों में सावधानी बरतें
- मॉर्निंग वॉक पर जाने से बचें क्योंकि सुबह प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा होता है।
- घर के अंदर योग और एक्सरसाइज करें।
- मास्क का उपयोग करें
- बाहर जाते समय N95 या उच्च गुणवत्ता वाले मास्क का उपयोग करें, यह PM2.5 कणों से बचाव करेगा।
- संतुलित आहार और हाइड्रेशन पर ध्यान दें
- ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट युक्त भोजन करें, जो दिल को मजबूत बनाएंगे।
- पानी अधिक मात्रा में पीएं, ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे।
जागरूकता और एहतियात है सबसे बड़ा हथियार
वायु प्रदूषण और दिल की सेहत के बीच का संबंध गंभीर है। दिल्ली और अन्य प्रदूषित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) की जानकारी रखना बेहद जरूरी है। सही जीवनशैली और जागरूकता अपनाकर हम इस खतरे से बच सकते हैं।