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राजस्थान: किसानों पर रखी जाएगी कड़ी निगरानी, फसल अवशेष जलाने पर होगी कार्रवाई

राजस्थान में प्रदूषण और स्मॉग के बढ़ते स्तर को देखते हुए सरकार ने खेतों में कृषि अवशेष जलाने पर सख्ती शुरू कर दी है। इस कदम का उद्देश्य सर्दियों में प्रदूषण को नियंत्रित करना और पर्यावरण की रक्षा करना है।

राजस्थान पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस कमिश्नर और एसपी को निर्देश दिए हैं कि यदि उनके क्षेत्र में कृषि अवशेष जलाने की कोई घटना सामने आती है, तो उस क्षेत्र के थानाधिकारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद लिया गया है, जिसमें राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों से कृषि अवशेष जलाने पर रोक लगाने को कहा गया था।

इसके साथ ही, राज्य सरकार ने उपखंड स्तर पर एक कमेटी बनाने की योजना बनाई है। हर जिले में एक उपखंड अधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक, खंड विकास अधिकारी, तहसीलदार और सहायक कृषि अधिकारी होंगे। यह कमेटी किसानों को जागरूक करने के साथ-साथ कृषि अवशेष जलाने की घटनाओं पर नजर रखेगी और उन्हें रोकने के लिए कदम उठाएगी।

इस पहल का उद्देश्य न सिर्फ प्रदूषण को कम करना है, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी फैलाना है। राज्य सरकार का मानना है कि यदि किसान फसल अवशेष जलाने के बजाय अन्य तरीकों से उसे नष्ट करेंगे, तो प्रदूषण कम होगा और पर्यावरण पर दबाव भी घटेगा। अगर इस योजना को सही से लागू किया गया, तो इससे राज्य में प्रदूषण में कमी आ सकती है और पर्यावरण की स्थिति में सुधार हो सकता है।

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