बीमा का उद्देश्य:
इस योजना का उद्देश्य किसानों को प्रतिकूल मौसम, सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, जलप्लावन और कीटव्याधि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान से राहत दिलाना है।
बीमा कराने के लिए पात्र किसान:
- ऋणी किसान:
ऋणी किसान जिन्होंने अधिसूचित ग्राम और फसल के लिए मौसमी कृषि ऋण लिया हो, वे योजना में शामिल हो सकते हैं। यदि कोई ऋणी किसान योजना में शामिल नहीं होना चाहता, तो उसे अंतिम तिथि से 7 दिन पहले स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र संबंधित वित्तीय संस्था में जमा करना होगा। अन्यथा उसे अनिवार्य रूप से बीमित किया जाएगा। - अऋणी किसान:
गैर-ऋणी किसान जो योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे अधिसूचित फसल का बुआई प्रमाण पत्र, पटवारी या कृषि विस्तार अधिकारी से सत्यापित करवाकर अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ बीमा करा सकते हैं।
बीमा प्रीमियम दरें:
- चना: ₹600/हेक्टेयर
- गेहूं (सिंचित): ₹630/हेक्टेयर
- गेहूं (असिंचित): ₹375/हेक्टेयर
- राई एवं सरसों: ₹375/हेक्टेयर
- अलसी: ₹285/हेक्टेयर
किसानों को कुल बीमित राशि का केवल 1.50% प्रीमियम देना होगा।
बीमा कराने की प्रक्रिया:
किसान अपने फसल बीमा के लिए संबंधित बैंक, लोक सेवा केंद्र या एआईडीई मोबाइल ऐप का उपयोग कर सकते हैं।
दोहरे बीमा की स्थिति में:
अगर एक ही फसल और क्षेत्र के लिए दो बार बीमा कराया गया है, तो पहले बीमा प्रविष्टि को ही मान्य किया जाएगा। अन्य दावे निरस्त कर दिए जाएंगे, और अतिरिक्त प्रीमियम राशि किसान को वापस कर दी जाएगी।
अंतिम तिथि:
किसान 31 दिसंबर 2024 तक अपने फसलों का बीमा कराएं और योजना का लाभ उठाएं।