पहले रोडवेज की बसें 300-350 किलोमीटर चलती थीं, लेकिन अब सभी बसों को 400 किलोमीटर चलाना होगा। इसके लिए नए रूट पर भी बसों को चलाया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को भी रोडवेज की सुविधा मिलेगी।
झालावाड़ रोडवेज डिपो में परिचालकों की कमी के कारण यह योजना लागू करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। यहां 37 नए परिचालकों की आवश्यकता है, क्योंकि वर्तमान में केवल 52 परिचालक उपलब्ध हैं और कुछ सस्पेंड हैं।
नई योजना के तहत, यदि किसी बस में दो से अधिक बिना टिकट यात्री पाए जाते हैं, तो परिचालक को निलंबित किया जाएगा। इसके अलावा, रोडवेज में कार्यरत परिचालकों को अगर कोई गंभीर गलती होती है, तो उन्हें ब्लैक लिस्टेड किया जा सकता है और उनकी जमा राशि भी जब्त की जा सकती है।
इस बदलाव के बावजूद, रोडवेज प्रशासन की उम्मीद है कि इससे राजस्व में वृद्धि होगी, लेकिन परिचालकों की कमी को दूर करने के लिए प्रशासन को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।