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पांडुपोल में चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें, अतिक्रमण हटेगा और बनेगी नई पार्किंग

पांडुपोल मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए राहत भरी खबर है। अब मंदिर तक इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी, अतिक्रमण हटाया जाएगा और पार्किंग सुविधाएं विकसित की जाएंगी। साथ ही, गांवों के पुनर्वास की प्रक्रिया को भी तेज किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तेजी से अमल

सरिस्का के संरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों को लागू करने के लिए सरकार ने बैठक की। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की 22 सिफारिशों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।

प्रमुख निर्देश:

  1. इलेक्ट्रिक बसें: मंदिर तक श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जल्द इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू होगी।
  2. अतिक्रमण पर कार्रवाई: पांडुपोल क्षेत्र में किए गए अवैध अतिक्रमण हटाए जाएंगे।
  3. पार्किंग व्यवस्था: पांडुपोल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नई और सुव्यवस्थित पार्किंग बनाई जाएगी।
  4. गांवों का पुनर्वास: सरिस्का क्षेत्र में बसे गांवों को पुनर्वासित करने की प्रक्रिया तेज की जाएगी।

प्रशासन की तैयारी

सरिस्का प्रशासन ने म्यूटेशन और पुनर्वास कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर करने का आश्वासन दिया है। सरकार ने सभी कार्य दिसंबर 2024 तक पूरे करने का लक्ष्य रखा है।

समीक्षा और प्रगति

मुख्य सचिव ने सिफारिशों पर अब तक हुए कार्यों की समीक्षा की और सरिस्का प्रशासन से पुनर्वास और अन्य प्रगति की जानकारी ली।

निष्कर्ष:
पांडुपोल क्षेत्र में इन बदलावों से न केवल सरिस्का का संरक्षण होगा, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए यात्रा भी अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनेगी।

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