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कुंदरकी में भाजपा की ऐतिहासिक जीत: सपा की हार और मुस्लिम वोटों में बदलाव बने कारण

यूपी चुनाव: कुंदरकी विधानसभा सीट पर भाजपा ने 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए सपा के गढ़ में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। भाजपा ने 1.70 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की। इस जीत के पीछे सपा की आंतरिक कलह, मुस्लिम मतदाताओं में विभाजन और भाजपा की बेहतरीन रणनीति अहम वजह रहीं।

सपा की हार के कारण:

  1. अंतर्विरोध: सपा में आंतरिक झगड़ों और कमजोर प्रबंधन ने भाजपा को बढ़त का मौका दिया।
  2. मुस्लिम मतदाताओं में फूट: शेख और तुर्क समुदायों में मतभेद और हाजी रिजवान के खिलाफ असंतोष ने सपा के वोट बैंक को कमजोर किया।
  3. रणनीतिक चूक: सपा हवा का रुख समझने और सही रणनीति बनाने में नाकाम रही।

भाजपा की जीत के कारण:

  1. मजबूत बूथ प्रबंधन: भाजपा ने बूथ स्तर पर प्रभावी योजना बनाई।
  2. मुस्लिम मतदाताओं तक पहुंच: भाजपा ने मुस्लिम पन्ना प्रमुख नियुक्त किए और अल्पसंख्यक सम्मेलन आयोजित कर समुदाय का समर्थन हासिल किया।
  3. रामवीर सिंह की सक्रियता: भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह ने जनता से जुड़ाव बनाए रखा, जो जीत में अहम साबित हुआ।
  4. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति: योगी ने वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों को कुंदरकी में सक्रिय किया, जिससे चुनावी माहौल भाजपा के पक्ष में बन गया।

भविष्य पर असर:
भाजपा की यह जीत उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा प्रभाव डाल सकती है। यह साबित हुआ कि भाजपा सपा के गढ़ों में भी चुनौती पेश कर सकती है। मुस्लिम मतदाताओं को जोड़ने की भाजपा की कोशिश आगे के चुनावों में भी देखने को मिल सकती है।

सपा के लिए सबक:
सपा को अपनी आंतरिक कलह खत्म कर संगठन और बूथ प्रबंधन में सुधार करना होगा। मुस्लिम मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ दोबारा मजबूत करने की जरूरत है।

मुख्य बातें:

  • भाजपा ने सपा के गढ़ कुंदरकी में 1.70 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीती।
  • सपा की हार में अंतर्कलह और मुस्लिम वोटों का विभाजन मुख्य कारण।
  • भाजपा की बेहतरीन रणनीति और मुख्यमंत्री योगी की सक्रियता ने दिलाई जीत।
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