मध्य प्रदेश में बढ़ते पेपर लीक और सामूहिक नकल के मामलों को लेकर राज्य सरकार अब सख्त कदम उठाने जा रही है। मोहन सरकार विधानसभा के आगामी सत्र में इस संबंध में नया नियम पेश करने की योजना बना रही है।
नए नियम के तहत सजा बढ़ाई जाएगी
मध्य प्रदेश सरकार ने तय किया है कि जो भी व्यक्ति पेपर लीक, सामूहिक नकल या किसी भी नकल से जुड़ी गतिविधि में पकड़ा जाएगा, उसे 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना होगा। इसके लिए 1937 में ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाए गए परीक्षा अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।
नकल माफिया से परीक्षा का खर्च वसूलने का प्रावधान
इस नए कानून के तहत नकल माफिया से परीक्षा का खर्च भी वसूला जाएगा। अगर कोई फर्जी प्रश्नपत्र बांटता है या फर्जी वेबसाइट बनाता है, जिससे परीक्षा टलती है, तो उस व्यक्ति को परीक्षा का पूरा खर्च उठाना होगा।
केंद्र अध्यक्ष के लिए नया नियम
इस कानून में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, जिसके तहत अब परीक्षा केंद्र के अध्यक्ष भी केंद्र में मोबाइल फोन नहीं ले जा सकेंगे। ऐसा करने पर उन्हें भी 10 साल की जेल और 1 करोड़ रुपये जुर्माना देना होगा। यह कानून केंद्र सरकार के नए ‘सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024’ पर आधारित होगा। इस कानून को कैबिनेट से मंजूरी के बाद विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा।