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संविधान सभा में मध्य प्रदेश के 19 सदस्य: जानिए इनके बारे में

आज 26 नवंबर, 2024 को संविधान को अपनाए हुए 75 साल पूरे हो गए हैं। 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। संविधान को तैयार करने में 299 सदस्यों की संविधान सभा का योगदान था, जिनमें से 19 सदस्य मध्य प्रदेश से थे या उनका इस राज्य से कोई न कोई संबंध था। आइए जानते हैं इन महान विभूतियों के बारे में।

1. डॉ. हरिसिंह गौर

सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति डॉ. हरिसिंह गौर ने भारतीय संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई और हिंदू कानून की व्याख्या की।

2. पं. रविशंकर शुक्ल

मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल ने हिंदी को राजभाषा बनाने का प्रस्ताव रखा।

3. रतनलाल मालवीय

कोयलांचल के श्रमिक नेता रतनलाल मालवीय ने मजदूरों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और राज्यसभा के सदस्य बने।

4. कुसुमकांत जैन

झाबुआ के कुसुमकांत जैन 28 साल की उम्र में संविधान सभा के सबसे कम उम्र के सदस्य बने थे।

5. सेठ गोविंद दास

जबलपुर के सेठ गोविंद दास हिंदी के प्रबल पक्षधर थे और संविधान को पहले हिंदी में लिखवाने की कोशिश की थी।

6. मास्टर लाल सिंह सिनसिनवार

भोपाल के मास्टर लाल सिंह सिनसिनवार ने शिक्षा और समाज सुधार के लिए काम किया और भोपाल में कन्या शाला और अनाथालय की स्थापना की।

7. डॉ. भीमराव आंबेडकर

इंदौर के मऊ में जन्मे डॉ. आंबेडकर ने संविधान सभा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय संविधान के मुख्य architect थे।

8. बाबू राम सहाय

विदिशा में जन्मे बाबू राम सहाय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और संविधान सभा के सदस्य बने।

9. भगवंतराव मंडलोई

खंडवा के भगवंतराव मंडलोई ने वकालत की शुरुआत की और पंडित रविशंकर शुक्ल की कैबिनेट में मंत्री बने।

10. सीताराम सरवटे

इंदौर के सीताराम सरवटे स्वतंत्रता सेनानी और लेखक थे, और वे संविधान सभा के सदस्य रहे।

11. कैप्टन अवधेश प्रताप सिंह

सतना के कैप्टन अवधेश प्रताप सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और उनके नाम पर रीवा विश्वविद्यालय का नामकरण किया गया।

12. राधावल्लभ विजयवर्गीय

राजगढ़ में जन्मे राधावल्लभ विजयवर्गीय ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया और बाद में संविधान सभा के सदस्य बने।

13. शंभूनाथ शुक्ल

शहडोल के शंभूनाथ शुक्ल स्वतंत्रता सेनानी और विंध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे।

14. हरि विष्णु कामथ

मंगलूर के हरि विष्णु कामथ ने संविधान सभा में भारत की प्रशासनिक व्यवस्था पर अपने विचार प्रस्तुत किए थे।

15. फ्रेंक एंथोनी

जबलपुर के फ्रेंक एंथोनी एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रमुख नेता थे और संविधान सभा के सदस्य बने।

16. बृजराज नारायण

ग्वालियर के बृजराज नारायण संविधान सभा में ग्वालियर रियासत के प्रतिनिधि थे।

17. सीताराम जाजू

नीमच के सीताराम जाजू स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और संविधान सभा के सदस्य बने।

18. राम सहाय तिवारी

छतरपुर रियासत के राम सहाय तिवारी संविधान सभा के सदस्य थे।

19. गोपीकृष्ण विजयवर्गीय

विजयवर्गीय मध्य भारत के मुख्यमंत्री रहे और संविधान सभा के सदस्य थे।

इन महान विभूतियों ने भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया और आज हम उनके कार्यों की वजह से एक मजबूत लोकतंत्र का हिस्सा हैं।

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