किसानों का आरोप है कि खाद वितरण केंद्रों पर पिछले एक महीने से खाद की भारी कमी हो गई है। कई बार कोशिश करने के बावजूद उन्हें खाद नहीं मिल पा रहा है। वहीं व्यापारी 1350 रुपए की डीएपी बोरी को 2000 रुपए में बेच रहे हैं, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है।
जतारा और पलेरा में चक्का जाम
सोमवार सुबह से किसान खाद के लिए लाइनों में खड़े थे, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिला। इसके बाद किसानों ने पलेरा चौराहा और जतारा में चक्का जाम कर दिया। जाम के कारण दोनों ओर लंबी-लंबी गाड़ियां फंसी रहीं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और किसानों से बातचीत की। अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही खाद वितरण शुरू कर दिया जाएगा, तब जाकर जाम खोला गया।
खाद की बार-बार मांग पर जाम
किसानों ने बताया कि रबी फसल के लिए खाद की आपूर्ति अब बहुत जरूरी हो गई है, लेकिन प्रशासन द्वारा खाद वितरण की कार्रवाई में ढिलाई बरती जा रही है। यह विरोध प्रदर्शन और चक्का जाम अब तक पांचवीं बार किया जा चुका है।
कालाबाजारी का आरोप
किसानों का कहना है कि व्यापारी खाद का स्टॉक कर रहे हैं और इसे 1800 से 2000 रुपए में बेच रहे हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन खाद की कालाबाजारी पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, जिससे उनकी समस्याएं बढ़ रही हैं।
बल्देवगढ़ में भी खाद की कमी
बल्देवगढ़ में किसानों ने बताया कि वहां खाद के टोकन दिए जा रहे हैं, लेकिन किसानों को डीएपी खाद की जगह राख, सुपर फास्फेट और यूरिया दिया जा रहा है। कई किसान रात भर केंद्र पर इंतजार करते हैं, लेकिन खाद नहीं मिल पा रहा है।