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खेल-खेल में पढ़ाई: गेमिफिकेशन लर्निंग से बच्चों की शिक्षा में बदलाव

शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहे हैं। अब बच्चों की पढ़ाई को और मजेदार बनाने के लिए नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। पहले बच्चों को सिर्फ किताबों तक सीमित किया जाता था, लेकिन अब उन्हें खेलों से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए “गेमिफिकेशन लर्निंग” का तरीका अपनाया जा रहा है।

गेमिफिकेशन लर्निंग क्या है?
गेमिफिकेशन लर्निंग का मतलब है, शिक्षा में खेलों के तत्वों का उपयोग करना। इसमें पॉइंट्स, बैजेस, लेवल्स, अवॉर्ड्स, चैलेंजेस आदि का इस्तेमाल करके बच्चों को प्रेरित किया जाता है। इससे बच्चों को सीखने में मजा आता है और उनका मनोबल बढ़ता है। खासतौर पर प्राथमिक कक्षाओं में इस पद्धति को तेजी से अपनाया जा रहा है।

स्कूलों में क्या बदलाव हो रहे हैं?
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और ऐप्स: बच्चों को क्विज, पजल्स और ट्रिविया के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। इन ऐप्स से पढ़ाई और मजेदार बन जाती है।
कक्षा में खेल आधारित शिक्षा: शिक्षक बच्चों को समूहों में बांटकर खेलों के जरिए पढ़ाई करवा रहे हैं। जैसे गणित की पजल्स या भाषा के खेल।
यूट्यूब और शैक्षिक चैनल्स: बच्चों के लिए शैक्षिक वीडियो बनाए जा रहे हैं, जिनमें खेलों और एनिमेशन का इस्तेमाल होता है।
रीयल-टाइम चैलेंजेस और प्रोजेक्ट्स: बच्चों को समूह में काम करने के लिए प्रोजेक्ट्स और चैलेंजेस दिए जा रहे हैं, जिससे उनकी सोचने और समस्या हल करने की क्षमता बढ़ती है।

बच्चों में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है
इस तरीके से बच्चों में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है, जिससे वे बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं। साथ ही, यह बच्चों को टीमवर्क और सहयोग की भावना भी सिखाता है। जिन स्कूलों के पास खेलों के संसाधन नहीं हैं, वहां शिक्षक बच्चों को रोज़मर्रा की चीजों से पढ़ा रहे हैं, ताकि उन्हें रीयल लाइफ से जुड़ी शिक्षा मिल सके।

डॉ. रूचिरा सोलंकी, सीईओ निजी स्कूल ने बताया कि गेमिफिकेशन लर्निंग से बच्चों का शिक्षा में रुचि और मनोबल दोनों ही बढ़ते हैं।

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