पायल गुर्जर, जो दौसा जिले के दिवाकर गांव की रहने वाली हैं, ने इस पर्वतारोहण में राजस्थान और भारत का नाम रोशन किया। पायल राजस्थान में गुर्जर समुदाय की पहली पर्वतारोही बनी हैं। उन्होंने इससे पहले भी मचोई पीक, कंचनजंघा बेस कैंप और लद्दाख की कई ऊंची चोटियों को फतह किया है।
पायल का कहना है कि उन्हें अपने पिता, जो भारतीय प्रादेशिक सेना में सूबेदार हैं, से पर्वतारोहण की प्रेरणा मिली। पायल की शुरुआती शिक्षा गांव के स्कूल से हुई और बाद में उन्होंने आर्मी पब्लिक स्कूल जयपुर और मदरलैंड पब्लिक स्कूल से अपनी पढ़ाई की।
पायल अपने पिता की प्रेरणा से प्रभावित होकर पर्वतारोहण के क्षेत्र में करियर बनाने का सपना लेकर इस दिशा में कदम बढ़ाया था। उनका लक्ष्य भारत का नाम दुनिया की ऊंची चोटियों पर तिरंगा लहराकर रोशन करना था।