आजमगढ़ पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी गैंग का पर्दाफाश किया है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन जुआ चलाता था। पुलिस ने 190 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से कई महत्वपूर्ण सामान भी बरामद किए हैं।
साइबर ठगी से जुड़े सामान की बरामदगी
पुलिस ने आरोपियों के पास से 3.40 लाख रुपये नकद, 51 मोबाइल फोन, 6 लैपटॉप, 61 एटीएम कार्ड, 56 पासबुक, 19 सिम कार्ड, 7 चेकबुक, 3 आधार कार्ड, और एक जियो राउटर बरामद किया है। यह गैंग उप्र, बिहार, आंध्र प्रदेश सहित 12 राज्यों में फैला हुआ था। आरोपियों ने आजमगढ़ के रैदोपुर क्षेत्र में एक दो मंजिला मकान किराए पर ले रखा था, जहां से वे अपनी साइबर ठगी की गतिविधियों को अंजाम देते थे।
पुलिस ने किया खुलासा
आजमगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों में राम सिंह, संदीप यादव, विशाल दीप, अजय कुमार पाल, आकाश यादव, पंकज कुमार, प्रदीप क्षात्रिया, विकास यादव, आनंदी कुमार यादव, मिर्जा उमर बेग, और अमित गुप्ता को शामिल किया है। इसके अलावा विनय यादव और सौरभ फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
सोशल मीडिया के जरिए ठगी
पुलिस के मुताबिक, ये आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, मेटा और टेलीग्राम के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन गेम्स का प्रलोभन देते थे, जिसमें पैसा दोगुना या तीन गुना जीतने का झांसा दिया जाता था। इसके बाद ये लोग पीड़ितों की लॉगइन आईडी बनाकर उनके पैसे फर्जी खातों में ट्रांसफर कर देते थे और फिर आईडी ब्लॉक कर देते थे।
गैंग की सावधानी और छिपने के तरीके
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों पर पहले से 71 साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं। आरोपियों ने अपनी लोकेशन को छिपाने के लिए कई टूल्स का इस्तेमाल किया था, जैसे कि जिस सिम से वे व्हाट्सऐप ग्रुप बनाते थे, उसे तुरंत तोड़ देते थे ताकि उनकी लोकेशन ट्रैक न हो सके।