मंत्री ने कहा कि सरकार ग्रामीणों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगी और अधिकारियों को समय रहते जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी बताया कि केएफडी के लिए एक टीका 2026 तक उपलब्ध हो सकता है और इसकी व्यवस्था को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) से बात की जा चुकी है।
मंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि केएफडी एक इलाज योग्य बीमारी है और यदि सावधानी बरती जाए तो इससे मौतों को रोका जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल सिद्धपुर और सागर तालुक में केएफडी के अधिक मामले देखे गए थे, लेकिन इस बार पहले से जागरूकता बढ़ाई जा रही है।
इसके अलावा, मंत्री ने आश्वासन दिया कि प्रभावित क्षेत्रों में एक अलग मोबाइल क्लिनिक उपलब्ध कराया जाएगा, और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि गर्मियों के दिनों में कर्नाटक के जंगलों में जाने वाले लोगों को अधिक सावधान रहना चाहिए और दवाइयों की कोई कमी नहीं होगी, इसके लिए विभाग विशेष ध्यान देगा।