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AIIMS जोधपुर: कोरोनाकाल में रेमडेसिविर इंजेक्शनों की बड़ी खरीद, लेकिन पड़े-पड़े हो गए खराब

कोरोना महामारी के दौरान, जब मरीज एक-एक रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए तरस रहे थे, तब एम्स जोधपुर में भारी मात्रा में ये इंजेक्शन खरीदे गए। इनमें से 2449 इंजेक्शन खराब हो गए क्योंकि उनका उपयोग नहीं हुआ और वे एक्सपायर हो गए।

एम्स ने मई 2021 में 3567 इंजेक्शन खरीदी थीं, फिर भी 18, 21 और 25 मई को अतिरिक्त इंजेक्शन खरीदे गए। जांच में यह पाया गया कि 5949 इंजेक्शन बच गए थे, जिसमें से 3500 इंजेक्शन अभी तक एक्सपायर नहीं हुए थे, लेकिन बाकी 2449 इंजेक्शन्स की वैधता समाप्त हो गई और वे खराब हो गए।

सीएजी (कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) की जांच में पाया गया कि एम्स ने अधिक मात्रा में इंजेक्शन खरीदने का कोई ठोस कारण नहीं बताया और इनका उपयोग भी नहीं किया गया। सीएजी ने कहा कि इसके कारण 57.36 लाख रुपए का नुकसान हुआ।

इसके अलावा, सीएजी ने यह भी पाया कि अन्य दवाओं और आपूर्ति सामग्री की अधिक खरीदारी की गई, जिससे 87 लाख रुपए से अधिक का नुकसान हुआ। इस सामग्री का उपयोग कोरोना महामारी के कारण संभव नहीं हो पाया, क्योंकि आपातकालीन स्थिति के अलावा अन्य ऑपरेशन थियेटर संचालित नहीं थे।

एम्स ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सभी दवाइयां केंद्रीय आवंटन के अनुसार खरीदी गई थीं और इनका उपयोग निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया था।

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