राजधानी भोपाल और पूरे मध्यप्रदेश में इस बार सर्दी का कहर देखा जा रहा है। भोपाल में नवंबर की ठंड ने 26 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। यहां आमतौर पर नवंबर में न्यूनतम तापमान 11-12 डिग्री के आसपास रहता है, लेकिन इस बार यह 8-10 डिग्री तक गिर गया।
ठंड का रिकॉर्ड और तापमान
- भोपाल का तापमान:
- 23 नवंबर को इस साल का सबसे कम न्यूनतम तापमान 8.8 डिग्री दर्ज किया गया।
- गुरुवार को न्यूनतम पारा 10.2 डिग्री तक पहुंचा।
- साल 1941:
- भोपाल में नवंबर का सबसे कम न्यूनतम तापमान 30 नवंबर 1941 को दर्ज हुआ था।
- मंडला का पारा 6.5 डिग्री रहा, जो पचमढ़ी से भी ठंडा है।
ठंड बढ़ने की वजह
मौसम विशेषज्ञ एचएस पांडे के अनुसार:
- राजस्थान के ऊपर प्रतिचक्रवात बनने से उत्तरी हवाओं का प्रवेश रुक गया है।
- भोपाल में पूर्वी हवाओं का असर बढ़ा है, जिससे यहां ठंड ज्यादा है।
- ग्वालियर, जबलपुर और मंडला जैसे इलाकों में भी ठंड बढ़ी है।
आगे क्या?
- 30 नवंबर से एक पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है।
- दिसंबर की शुरुआत में पारा थोड़ा बढ़ सकता है।
फसलों के लिए फायदेमंद ठंड
कृषि विशेषज्ञ एचडी वर्मा का कहना है कि:
- यह ठंड अधिकांश फसलों के लिए अनुकूल है।
- गेंहू, चना, मसूर, मटर जैसी फसलों की ग्रोथ के लिए यह मौसम अच्छा है।
- तापमान 22-27 डिग्री रहने से बुआई और अंकुरण में आसानी होगी।
इस सर्दी से जहां लोगों को ठिठुरन का एहसास हो रहा है, वहीं फसलों को लाभ मिल रहा है।