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देश का सबसे बड़ा चीता कॉरिडोर: राजस्थान के कई जिले होंगे शामिल

सवाई माधोपुर।
केंद्र सरकार ने भारत में चीतों के संरक्षण के लिए अगले 25 सालों की बड़ी योजना बनाई है। इसके तहत राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के 17 जिलों को मिलाकर देश का सबसे बड़ा चीता कॉरिडोर तैयार किया जाएगा। इस दिशा में काम शुरू हो चुका है।


कूनो से होगा कॉरिडोर का विस्तार

  • कूनो नेशनल पार्क (श्योपुर) से शुरू होकर यह कॉरिडोर राजस्थान के मुकंदरा टाइगर रिजर्व और मध्यप्रदेश के गांधी सागर सेंचुरी तक फैलेगा।
  • गांधी सागर सेंचुरी में चीतों के लिए तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं।
  • इस साल के अंत तक यहां 8 चीते लाने की योजना है।

किन जिलों का होगा हिस्सा?

मध्यप्रदेश:

  • श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, मुरैना, अशोकनगर, गुना, नीमच, मंदसौर।

राजस्थान:

  • सवाई माधोपुर, बारां, कोटा, करौली, झालावाड़, बूंदी, चित्तौड़गढ़।

उत्तरप्रदेश:

  • झांसी और ललितपुर।

चीतों ने दिखाई कॉरिडोर की राह

  • कूनो नेशनल पार्क के चीते कई बार राजस्थान और उत्तरप्रदेश की सीमाओं तक पहुंच गए।
  • इन्हें वापस लाने के लिए ट्रेंक्विलाइज किया गया।
  • इस घटना ने सरकार को इन क्षेत्रों को जोड़ने का विचार दिया।

चीता कॉरिडोर से जुड़े कार्य

  • रणथंभौर में बैठक:
    • 30 नवंबर को राजस्थान और मध्यप्रदेश के अधिकारियों की बैठक होगी।
    • मुकुंदरा और पर्यावरण संरक्षण समिति के अध्यक्ष तपेश्वर सिंह भाटी ने बताया कि कॉरिडोर के लिए दोनों राज्यों ने एक संयुक्त कमेटी बनाई है।

चीतों के लिए क्यों खास है यह प्रोजेक्ट?

  • चीतों को एक सीमित क्षेत्र में रखने के बजाय बड़े संरक्षण क्षेत्र में बसाने की योजना है।
  • इससे वे प्राकृतिक ढंग से वन्यजीवन जी सकेंगे।
  • यह प्रोजेक्ट प्राकृतिक आवास और वन्यजीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
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