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यूपी विधानमंडल का शीतकालीन सत्र: 16 दिसंबर से शुरू होने की संभावना

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू होने की संभावना है। इस सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है, जिसमें बहराइच दंगा, संभल में हिंसा और झांसी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत शामिल हैं। यह सत्र 31 दिसंबर से पहले आयोजित होना जरूरी है, और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13 दिसंबर के दौरे और अटल बिहारी वाजपेयी की 25 दिसंबर को होने वाली जयंती के बीच निर्धारित किया जा सकता है।


सत्र में उठने वाले मुख्य मुद्दे:

  1. बहराइच दंगा और संभल हिंसा:
    हाल ही में बहराइच और संभल में हुए दंगे और हिंसा पर बहस हो सकती है। बहराइच में सांप्रदायिक तनाव के बाद हिंसा हुई थी, जबकि संभल में हिंसा में चार लोग मारे गए थे। विपक्ष इन मुद्दों को उठाकर सरकार से जवाब मांग सकता है।
  2. झांसी मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत:
    झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 18 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी। यह मुद्दा प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़ा करता है और विपक्ष इसे सदन में प्रमुखता से उठाने की योजना बना रहा है।
  3. किसानों की समस्याएं:
    प्रदेश में किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, जो एक अहम मुद्दा रहेगा।

अनुपूरक बजट और विधायी कार्य

शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार अनुपूरक बजट पेश कर सकती है। साथ ही, कई अध्यादेशों को पारित करने का प्रयास किया जाएगा। विपक्ष इन मुद्दों को लेकर सरकार पर दबाव बना सकता है, जिससे सत्र में हंगामा हो सकता है।


सत्र की संवैधानिक आवश्यकता

संविधान के अनुसार, विधानसभा का सत्र 31 दिसंबर से पहले बुलाया जाना अनिवार्य है। इसलिए सरकार इस सत्र को समय पर शुरू करने की योजना बना रही है।

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