बिजली का उपयोग बढ़ा, लेकिन बिल जमा करने में रुचि नहीं
जिले में बढ़ती आबादी के साथ उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ रही है। नए मकान, दुकानें और छोटे व्यापारिक प्रतिष्ठान बनने से बिजली की मांग में वृद्धि हो रही है। वर्तमान में, कोरबा जिले में रोजाना 180-200 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
हालांकि, लोग बिजली का उपयोग तो कर रहे हैं, लेकिन बिल जमा करने में रुचि नहीं दिखा रहे। इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति पर असर पड़ रहा है।
बड़े बकायादारों पर कार्रवाई
- कंपनी ने बड़े बकायादारों के कनेक्शन काटने की चेतावनी दी है और कई कनेक्शन काटे भी जा चुके हैं।
- सबसे ज्यादा बकाया पंचायतों पर है, जिनसे 33 करोड़ 29 लाख रुपए वसूले जाने हैं।
- नगर पालिक निगम कोरबा पर 3.84 करोड़ और हाउसिंग बोर्ड पर 3.80 करोड़ रुपए का बकाया है।
- अन्य बड़े बकायादारों में महिला एवं बाल विकास विभाग (1.82 करोड़), शिक्षा विभाग (9.76 करोड़), और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (44 लाख) शामिल हैं।
बिजली बिल हाफ योजना का भी असर नहीं
राज्य सरकार ने बिजली बिल हाफ योजना लागू की है, जिसमें समय पर बिल चुकाने पर उपभोक्ताओं को रियायत मिलती है। इसके बावजूद, कई उपभोक्ताओं ने अपनी बकाया राशि नहीं चुकाई, जिससे कंपनी की परेशानियां बढ़ रही हैं।
बिल जमा करने की अपील
बिजली विभाग ने उपभोक्ताओं से समय पर बिल जमा करने की अपील की है। वसूली के लिए अलग-अलग जोन में विशेष टीम बनाई गई है, जिन्हें बड़े बकायादारों की सूची दी गई है। जरूरत पड़ने पर उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काटने के निर्देश भी दिए गए हैं।
समय पर बिल जमा कर उपभोक्ता परेशानी से बच सकते हैं और कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार ला सकते हैं।