भूमि अधिग्रहण में अड़चन
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 100 से ज्यादा गांवों में भूमि अधिग्रहण करना है। इनमें मध्य प्रदेश के मुरैना और ग्वालियर के सुसेरा गांव, राजस्थान के धौलपुर और उत्तर प्रदेश के आगरा जिले शामिल हैं। भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजे की राशि का निर्धारण चल रहा है, और जैसे ही यह प्रक्रिया पूरी होगी, टेंडर खोले जाएंगे।
3841 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट
एनएचएआई ने इस प्रोजेक्ट के लिए 3841 करोड़ रुपए की लागत से 88.400 किमी लंबे सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण और 121 किमी पुराने हाइवे की मरम्मत का टेंडर जारी किया था। निर्माण कार्य को 30 महीनों में पूरा किया जाना है। हालांकि, भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण एक्सप्रेसवे का निर्माण 2025 में शुरू होने की संभावना है।
टेंडर की तारीख बढ़ने का कारण
इस परियोजना में केंद्रीय कैबिनेट की स्वीकृति के बाद लगातार टेंडर की तारीख बढ़ाई गई। भूमि अधिग्रहण में समस्याएं आईं, जिनका अभी तक समाधान नहीं हो पाया है। इसके कारण 18 बार टेंडर की तारीख में बदलाव किया गया है।
अफसरों का कहना
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर उमाकांत मीणा के अनुसार, “भूमि अधिग्रहण का काम पूरा होते ही टेंडर खोला जाएगा। भूमि अधिग्रहण के मुआवजे का काम चल रहा है, इसके बाद ही टेंडर खोला जा सकेगा।”