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एआई तकनीक से अल्जाइमर रोग की शुरुआती पहचान में नई उम्मीद

अल्जाइमर रोग की पहचान में देरी को कम करने के लिए अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक नई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित तकनीक विकसित की है। यह तकनीक न्यूरोलॉजिकल बीमारियों की प्रारंभिक पहचान में मदद कर सकती है।

अल्जाइमर की पहचान के लिए नई तकनीक
कैलिफोर्निया के ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट्स के शोधकर्ताओं ने अल्जाइमर जैसी गंभीर बीमारी की शुरुआत में पहचान के लिए एक उपकरण तैयार किया है। यह उपकरण चूहों के छोटे-छोटे व्यवहार पैटर्न का विश्लेषण करके अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण पहचान सकता है।

चूहों पर परीक्षण
शोधकर्ताओं ने चूहों के व्यवहार का अध्ययन किया। चूहों की गतिविधियों को रिकॉर्ड कर, उनके असामान्य व्यवहार जैसे अव्यवस्थित हरकतें और गतिशीलता में बदलाव को देखा। इन लक्षणों के माध्यम से अल्जाइमर के शुरुआती संकेतों का पता लगाया गया। इस तकनीक का लक्ष्य मनुष्यों में भी अल्जाइमर की पहचान में मदद करना है।

न्यूरोलॉजिकल बीमारियों की पहचान में मदद
यह तकनीक केवल अल्जाइमर तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य न्यूरोलॉजिकल बीमारियों की पहचान करने में भी कारगर हो सकती है। शोधकर्ता मानते हैं कि इससे मस्तिष्क विकारों के इलाज के नए तरीके खोजे जा सकते हैं।

संभावित इलाज के लिए मददगार
अधिकारियों ने यह भी पाया कि मस्तिष्क में सूजन बढ़ाने वाले प्रोटीन फाइब्रिन को रोकने से चूहों में अल्जाइमर के लक्षणों को कम किया जा सकता है। यह खोज भविष्य में अल्जाइमर के इलाज में मददगार साबित हो सकती है।

अल्जाइमर और बढ़ती उम्र की चुनौती
अल्जाइमर एक प्रगतिशील बीमारी है जो याददाश्त और सोचने की क्षमता को प्रभावित करती है। समय रहते पहचान और इलाज से इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है। एआई तकनीक इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

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