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छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के 9 मजदूरों को कर्नाटक में ठेकेदार द्वारा बंधक बनाकर मजदूरी कराई जा रही थी। जिला प्रशासन और पुलिस की तत्परता से सभी मजदूरों को सुरक्षित मुक्त करा लिया गया और वे अपने घर सकुशल लौट आए हैं।
श्रम विभाग की पहल:
मजदूरों के अभिभावकों द्वारा आवेदन दिए जाने पर कलेक्टर बस्तर ने मजदूरों को वापस लाने के लिए एक विशेष टीम गठित की।
टीम में निम्न अधिकारी शामिल थे:
- नितेश महंत
- नमिता जॉन (श्रम निरीक्षक)
- उदेश भवानी (राजस्व निरीक्षक)
- रतिराम मिंज (प्रधान आरक्षक)
- खुलेश दास पंत (चाइल्ड लाइन अधिकारी)
मुक्ति अभियान:
29 नवंबर को यह टीम कर्नाटक के विजयापुरा के लिए रवाना हुई। वहां कलेक्टर विजयापुरा और स्थानीय प्रशासन से मुलाकात के बाद 1 दिसंबर को दबिश दी गई।
- 9 मजदूर मुक्त: ठेकेदार के चंगुल से छुड़ाए गए।
- 3 लाख रुपये मजदूरी: मजदूरों को उनके बकाया पैसे भी दिलाए गए।
आगे की कार्यवाही:
मजदूरों को वापस लाने के बाद, दलालों पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी, जो इन्हें अन्य राज्यों में ले गए थे।
जिंदल स्टील प्लांट हादसा: मजदूर की मौत, दूसरा गंभीर
जिंदल स्टील प्लांट में हुए हादसे ने सबको झकझोर दिया। इस हादसे में एक मजदूर की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक अन्य मजदूर की हालत गंभीर बताई जा रही है।
नगरनार प्लांट के विनिवेशीकरण का विरोध
बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट को बाहरी कंपनियों को बेचने की तैयारी शुरू हो गई है। जिंदल स्टील और मित्तल कंपनी के 13 अधिकारी गुपचुप तरीके से प्लांट का निरीक्षण कर चुके हैं।
- स्थानीय विरोध: संयुक्त इस्पात मजदूर संगठन के अध्यक्ष संतराम सेठिया ने स्पष्ट कहा कि प्लांट का विनिवेशीकरण बस्तर के हितों के खिलाफ है, और वे इसका पुरजोर विरोध करेंगे।