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अलवर। नए साल से अलवर जिले के करीब 30 हजार परिवारों को राशन मिलना बंद हो सकता है। इसका कारण है कि इन परिवारों ने अब तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है, जो राशन कार्ड धारकों के लिए अनिवार्य की गई है।
ई-केवाईसी न कराने वाले होंगे बाहर
- राशन कार्ड धारकों को 31 दिसंबर तक ई-केवाईसी कराने का समय दिया गया है।
- जो परिवार ई-केवाईसी नहीं करवा पाएंगे, उन्हें नए साल से राशन योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
- संभावना है कि इनमें से कई परिवार रोजी-रोटी के लिए दूसरे जिलों या राज्यों में चले गए हैं।
ई-केवाईसी का उद्देश्य
ई-केवाईसी के माध्यम से राशन कार्ड धारकों की सही जानकारी सुनिश्चित की जा रही है।
- फर्जी कार्ड और मुफ्त अनाज में हो रही गड़बड़ी रोकने के लिए यह प्रक्रिया अपनाई गई है।
- केवल उन्हीं परिवारों को राशन मिलेगा, जो जिले में निवास कर रहे हैं।
जिले में प्रगति
- अलवर, खैरथल-तिजारा और कोटपूतली-बहरोड़ के 5.75 लाख परिवारों को ई-केवाईसी का लक्ष्य दिया गया था।
- अब तक 84.13% यानी 5.45 लाख परिवार ई-केवाईसी करवा चुके हैं।
- शेष 30 हजार परिवार अब भी विभाग के संपर्क में नहीं आए हैं।
नाम हटने की प्रक्रिया
- जिन परिवारों के सदस्य दूसरे जिलों या राज्यों में रहने लगे हैं, उनके नाम ई-केवाईसी के जरिए हटा दिए जाएंगे।
- बेटियों की शादी के बाद यदि वे दूसरे स्थान पर निवास कर रही हैं, तो उनके नाम भी राशन कार्ड से हट जाएंगे।
“31 दिसंबर तक ई-केवाईसी नहीं कराने वालों को योजना से बाहर कर दिया जाएगा। केवल जिले में निवास करने वाले परिवारों को ही राशन मिलेगा।”
– रणधीर सिंह, डीएसओ
यह प्रक्रिया अनाज वितरण को पारदर्शी बनाने और फर्जीवाड़ा रोकने के लिए की जा रही है।