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रविवार को जयपुर में आदिवासी मीणा महिला विकास संघ के तत्वावधान में जवाहर सर्कल के पास महिला पंचायत का आयोजन हुआ। इसमें देशभर से पारंपरिक वेशभूषा में आई महिलाओं ने लोकगीत गाते हुए भाग लिया। पंचायत में समाज सुधार और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।
तलाक के मामलों को कम करने पर जोर
- पंचायत की अध्यक्षता प्रदेश संरक्षक डॉ. कुसुमलता मीणा ने की।
- सर्वसम्मति से जन्म, मृत्यु और विवाह से जुड़ी कुरीतियों पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया।
- समाज में शिक्षा का स्तर सुधारने और तलाक के मामलों को कम करने के लिए सुझाव दिए गए।
- पौधरोपण अभियान चलाने और आदिवासी धरोहरों के संरक्षण का संकल्प लिया गया।
सभी फैसलों को लागू करने का संकल्प
प्रदेशाध्यक्ष मंजू जैफ ने कहा कि पंचायत में लिए गए सभी फैसलों को घर-परिवार से लागू करने की शपथ ली गई। इस दौरान हीरा मीना, डॉ. आरती मीना, डॉ. सुमन, और विमला मीना ने भी अपने विचार साझा किए।
महत्वपूर्ण निर्णय
- सामाजिक आयोजनों में शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध।
- समारोहों में व्यंजनों की संख्या 11 तक सीमित।
- फिजूलखर्ची पर रोक।
- शादी और अन्य समारोहों में बैठकर भोजन का प्रावधान।
- मृत्युभोज, छमाही और बरसी के आयोजनों पर रोक।
- दहेज लेने-देने वाली शादियों का बहिष्कार।
इस पंचायत का मुख्य उद्देश्य समाज में सुधार लाना और मीणा समाज को नई दिशा देना है।