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बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की जेलों में अब कैदी पाञ्चजन्य और ऑर्गनाइजर मैगजीन पढ़ सकेंगे। यह कदम जेलों में पढ़ाई की सुविधाओं और लाइब्रेरी को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है।
जेल प्रशासन का उद्देश्य है कि कैदी समसामयिकी के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और राष्ट्रप्रेम के बारे में भी जागरूक हों। हाल ही में जेल डीजी हिमांशु गुप्ता ने प्रदेश की विभिन्न जेलों का निरीक्षण किया और पाया कि जेलों की लाइब्रेरी में ये दोनों मैगजीनें नहीं थीं। इसके बाद जेल प्रबंधन ने इन दोनों पत्रिकाओं को जेलों में उपलब्ध कराने का निर्णय लिया।
पुस्तकों का संग्रह बढ़ेगा
छत्तीसगढ़ की जेलों में पहले ही एक लाख से अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं। अब पाञ्चजन्य और ऑर्गनाइजर मैगजीन से कैदियों का ज्ञान और बढ़ेगा। इन मैगजीनों के माध्यम से कैदी समसामयिक घटनाओं और सनातन भारतीय संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
कैदियों के सुधार के लिए अहम कदम
यह पहल जेलों में कैदियों के सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। इससे उनके मानसिक विकास में मदद मिलेगी और जेल से बाहर निकलने के बाद समाज में पुनः स्थापित होने में भी सहायता मिलेगी। – हिमांशु गुप्ता, डीजीपी, जेल