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गायन प्रतियोगिता में दिखा उत्साह
राजस्थान पत्रिका हुब्बल्ली संस्करण के 20वें स्थापना दिवस पर नेत्रहीन विद्यार्थियों के लिए गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में श्री आरूढ़ एजुकेशन सोसायटी फॉर डिसएबल्ड के विद्यार्थियों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। छात्रों ने कन्नड़ और हिंदी गानों को बेहतरीन अंदाज में गाया। संगीत शिक्षिका अनीता ने हारमोनियम पर संगत की।
ब्रेल लिपि से सीखते हैं पढ़ाई
स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि नेत्रहीन विद्यार्थी ब्रेल लिपि से पढ़ाई करते हैं। ब्रेल लिपि एक स्पर्शनीय कोड है, जिसमें बिंदुओं के उभार से अक्षर, संख्याएँ और अन्य संकेत पढ़े जाते हैं। इसके जरिए छात्र आसानी से पढ़-लिख सकते हैं।
ब्रेल से कंप्यूटर तक का सफर
लुई ब्रेल, जिन्होंने ब्रेल लिपि का आविष्कार किया, बचपन में ही अपनी आंखों की रोशनी खो चुके थे। इसके बावजूद उन्होंने शिक्षा में उत्कृष्टता हासिल की। समय के साथ ब्रेल लिपि में तकनीकी सुधार हुआ है और अब यह कंप्यूटर पर भी इस्तेमाल की जा सकती है।
रवींद्र जैन से मिली प्रेरणा
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजय सेठ धानसा ने प्रसिद्ध संगीतकार रवींद्र जैन का उदाहरण दिया, जो जन्म से नेत्रहीन थे, लेकिन उन्होंने संगीत की दुनिया में बड़ी सफलता हासिल की। उन्होंने राम तेरी गंगा मैली के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता और रामायण सीरियल का संगीत भी तैयार किया।
विद्यार्थियों को मिला प्रोत्साहन
संजय सेठ ने विद्यार्थियों की प्रतिभा की सराहना की और उन्हें प्रेरणा व प्रोत्साहन दिया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों को स्टेशनरी, फल और चॉकलेट वितरित किए गए।
समारोह का समापन
राजस्थान पत्रिका के संपादकीय प्रभारी अशोक सिंह राजपुरोहित ने समाजसेवा और पत्रिका के सरोकारों के बारे में जानकारी दी। स्कूल की छात्राओं ने सामूहिक गीत प्रस्तुत किया और छात्र पार्थसारथी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सेठ परिवार के इशांत सेठ, ध्रुव सेठ, शिक्षिका शिल्पा शिरगुप्पी और राजस्थान पत्रिका मार्केटिंग विभाग के इरैया गुरुमठ भी उपस्थित थे।