वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एम. सिंघवी ने न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मोइत्रा की एक रिट याचिका पर सुनवाई करने का उल्लेख किया। पीठ ने हालांकि कहा कि इस मुद्दे पर फैसला लेने के लिए मामले को भारत के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष रखा जाए।
मोइत्रा ने सोमवार को याचिका दायर कर उन्हें निष्कासित करने के फैसले को “अन्यायपूर्ण, अनुचित और मनमाना” और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ बताया।
लोकसभा की आचार समिति ने उन्हें व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के साथ अपने संसदीय पोर्टल के लॉगिन क्रेडेंशियल्स को साझा करके राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का दोषी पाए जाने के बाद उन्हें पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में संसद से बाहर कर दिया गया था।
मोइत्रा पर एक प्रतिद्वंद्वी व्यवसायी हीरानंदानी के कहने पर अडानी समूह की कंपनियों के संबंध में संसद में कई प्रश्न पूछने का आरोप लगाया गया था।