सारांश
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में भारतीय-अमेरिकियों ने व्हाइट हाउस से यूएस कैपिटल तक मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने बाइडन प्रशासन से बांग्लादेशी हिंदुओं की रक्षा के लिए कदम उठाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।
विस्तार
मार्च का आयोजन
सोमवार को “स्टॉपहिंदूजेनोसाइड.ओआरजी”, बांग्लादेशी प्रवासी संगठनों और हिंदूएक्शन द्वारा इस मार्च का आयोजन किया गया। इन संगठनों ने मांग की कि अमेरिकी कंपनियां बांग्लादेश से कपड़े खरीदना बंद करें क्योंकि ढाका की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कपड़ों के निर्यात पर निर्भर है।
हिंदुओं को बनाया जा रहा निशाना
हिंदूएक्शन के उत्सव चक्रवर्ती ने बताया कि चटगांव और रंगपुर क्षेत्रों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही है। मंदिरों को जलाया जा रहा है, घरों को लूटा जा रहा है, और हिंदू नेताओं को जेल में डालकर यातनाएं दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन सिर्फ न्याय की मांग नहीं है, बल्कि जवाबदेही की मांग है।
इस्कॉन नेता की रिहाई की मांग
चटगांव के हिंदू नेता और इस्कॉन सदस्य चिन्मय दास को जेल में यातनाएं दी जा रही हैं। वर्जीनिया के नरसिम्हा कोप्पुला और हिंदूएक्शन के श्रीकांत अकुनुरी ने उनकी रिहाई की मांग की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ अकल्पनीय अत्याचार हो रहे हैं और इसके लिए बांग्लादेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
बाइडन प्रशासन से कार्रवाई की अपील
प्रदर्शनकारियों ने बाइडन प्रशासन से मांग की कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए। प्रसेनजीत दत्ता और ग्लोबल हिंदू टेंपल नेटवर्क के अध्यक्ष मोहिंदर गुलाटी ने कहा कि बांग्लादेश को अन्य देशों में शांति सेना भेजने से रोका जाना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के प्रति जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
इस मार्च के माध्यम से भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा के प्रति विश्व का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बांग्लादेशी सरकार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संगठनों से भी कार्रवाई की मांग की।