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अलवर: पांडुपोल हनुमान मंदिर क्षेत्र में निजी वाहनों के प्रवेश पर रोक, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

अलवर के सरिस्का स्थित पांडुपोल हनुमान मंदिर क्षेत्र में निजी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीईसी (सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी) की सिफारिशों को मानते हुए राजस्थान सरकार को एक साल में इन सिफारिशों को लागू करने का निर्देश दिया है।

सीईसी सिफारिशों पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर
सुप्रीम कोर्ट ने सरिस्का क्षेत्र के लिए 25 सिफारिशों को मंजूरी दी है। राजस्थान सरकार को इन सिफारिशों को लागू करने के लिए एक वर्ष का समय दिया गया है।

  • मॉनिटरिंग समिति का गठन: सरिस्का क्षेत्र की निगरानी के लिए एक विशेष समिति बनाई जाएगी।
  • टाइगर सुरक्षा बल: बाघों की सुरक्षा के लिए विशेष बल का गठन होगा।
  • अवैध खनन पर रोक: बफर जोन में अवैध खनन रोकने के लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी।

सिलिबेरी गेट से वाहनों पर रोक
सिलिबेरी गेट से निजी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने का काम शुरू हो गया है। स्टेट हाईवे 13 के कुशालगढ़ तिराहे से थैंक्यू बोर्ड तक 18 किलोमीटर के क्षेत्र में व्यावसायिक वाहनों के प्रवेश पर पहले ही रोक लगा दी गई है।

पांडुपोल मंदिर में प्रसादी पर पाबंदी
सीईसी ने मंदिर परिसर में सवामणी, भंडारा या प्रसादी बनाने पर रोक की सिफारिश की थी। हालांकि बाहर से लाई गई प्रसादी को भोग लगाने की अनुमति दी गई है। इस सिफारिश पर मंदिर ट्रस्ट ने विरोध जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा था, लेकिन कोर्ट ने सिफारिशों को मानने का आदेश दिया।

इलेक्ट्रिक बसों की योजना
मंदिर क्षेत्र में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन होगा, जिससे निजी वाहनों के प्रवेश पर रोक लग सके। इन बसों का आने-जाने का समय तय होगा, हालांकि मंदिर कमेटी को इससे नुकसान की संभावना जताई गई है।

नए संरक्षण योजना पर काम शुरू
ग्लोबल टाइगर फोरम ने मार्च 2026 तक सरिस्का क्षेत्र में नई बाघ संरक्षण योजना लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह योजना सरिस्का क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण को और मजबूत करेगी।

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