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शिकार के लिए लगाया करंट, शिकारी खुद फंसकर मारा गया

छत्तीसगढ़: जंगल में शिकार के लिए करंट बिछाने पहुंचे शिकारी में से एक खुद ही उसकी चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई। इस घटना को छुपाने के लिए उसके साथियों ने शव को जंगल में छिपा दिया।

कैसे हुआ हादसा?

जिले में लगातार जंगली जानवरों के शिकार के लिए करंट लगाया जा रहा है, जिससे कई मवेशियों और तेंदुओं तक की मौत हो चुकी है। तरेगांव जंगल थाना क्षेत्र में गुमशुदा व्यक्ति की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि 8 लोगों का एक समूह शिकार के लिए करंट लगा रहा था, लेकिन उसमें से एक शिकारी खुद ही करंट की चपेट में आ गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

मामले की जांच कैसे हुई?

ग्राम बंधौरा के रहने वाले डोंगरसिंह धुर्वे (49) अपने घर से बाजार जाने निकले थे, लेकिन वापस नहीं लौटे। जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि उन्होंने 14 जनवरी की रात ग्राम रब्दा के चैनसिंह के घर पर गुजारी थी और अगले दिन ग्राम सेमसाटा के सोमा बैगा के घर चले गए।

पूछताछ में रामसिंह बैगा ने कबूल किया कि 15 जनवरी को वह और अन्य 7 लोग जंगल में शिकार के लिए जीआई तार में बिजली करंट लगा रहे थे। इस दौरान डोंगरसिंह धुर्वे करंट की चपेट में आ गए और उनकी मौत हो गई। घबराकर आरोपियों ने शव को जंगल के किनारे दरार में छुपा दिया।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

कुछ दिनों पहले कुकदुर थाना क्षेत्र में भी इसी तरह की घटना हुई थी, जिसमें करंट से एक शिकारी की मौत हो गई थी। उसके साथियों ने शव को मध्यप्रदेश के जंगल में दफना दिया और ऊपर एक मवेशी का शव रख दिया ताकि किसी को शक न हो। पुलिस जांच में यह मामला भी उजागर हुआ और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

जंगलों की सुरक्षा पर सवाल

इन घटनाओं से साफ है कि जंगलों में अब भी वन्य जीवों का अवैध शिकार हो रहा है। जगह-जगह करंट लगाया जा रहा है, जिससे जंगली जानवर और मवेशी मारे जा रहे हैं। वन विभाग और पुलिस को इन मामलों पर सख्ती से नजर रखनी होगी और जंगलों में नियमित गश्त बढ़ानी होगी।

पुलिस ने क्या कार्रवाई की?

आरोपी रामसिंह बैगा की निशानदेही पर शव बरामद कर लिया गया, जिसे परिजनों ने कपड़ों और बालों से पहचान लिया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 105, 238, 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है। विवेचना के दौरान आरोपियों ने अपराध कबूल कर लिया।

गिरफ्तार किए गए आरोपी:

  1. रामसिंह बैगा (26) – ग्राम दरई
  2. सुखीराम मेरावी (35) – ग्राम दरई
  3. बालाराम (57) – ग्राम दरई
  4. सोमा बैगा (58) – ग्राम सेमसाटा
  5. रमू सिंह (20) – ग्राम सेमसाटा
  6. श्रीराम गोंड (26) – ग्राम रब्दा
  7. जीतराम धुर्वे (26) – ग्राम रब्दा
  8. श्रीराम बैगा – ग्राम भरतपुर

4 फरवरी को सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके परिजनों को सूचना दे दी गई। एसडीओपी बोड़ला अखिलेश कौशिक और थाना प्रभारी संग्राम सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने इस मामले को सुलझाया। फिलहाल जांच जारी है।

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