राजस्थान में शिक्षा की स्थिति चिंताजनक
एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2024 के अनुसार, राजस्थान के सरकारी स्कूलों में बच्चों की गणितीय क्षमता कमजोर पाई गई है। कक्षा 3 के केवल 20% बच्चे घटाव कर पाते हैं, कक्षा 5 के 22% बच्चे ही भाग कर सकते हैं और कक्षा 8 के सिर्फ 33% छात्र ही विभाजन कर पाते हैं। स्मार्टफोन का अधिक उपयोग भी बच्चों की एकाग्रता और पढ़ाई पर असर डाल रहा है।
छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार, लेकिन कक्षाओं में कमी
राजस्थान के सरकारी स्कूलों में 2024 में 81.6% स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात ठीक पाया गया, जो 2022 में 68.5% था। हालांकि, कक्षा-शिक्षक अनुपात 2022 में 77.3% था, जो 2024 में 70.6% हो गया है। इससे पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
खेल मैदानों की कमी चिंता का विषय
2022 में 77.3% स्कूलों में खेल मैदान थे, जो 2024 में घटकर 76.1% रह गए। इससे छात्रों के शारीरिक और मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है।
सुधार के लिए जरूरी कदम:
- गणितीय शिक्षा मजबूत की जाए
- डिजिटल लर्निंग का सही उपयोग
- शिक्षकों का बेहतर प्रशिक्षण
- स्कूलों में खेल मैदान बढ़ाए जाएं
शिक्षा विभाग, शिक्षक और अभिभावकों को मिलकर बच्चों की पढ़ाई में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।