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झालावाड़।
स्कूलों में पुस्तकालय ज्ञान का भंडार होता है, जहां छात्र अपनी रुचि के अनुसार किताबें पढ़कर ज्ञान बढ़ाते हैं। लेकिन झालावाड़ सहित राजस्थान के कई सरकारी स्कूलों में आधे से ज्यादा पुस्तकालय बिना अध्यक्ष के चल रहे हैं।
प्रदेश के 19,740 उच्च माध्यमिक स्कूलों में से 15,580 स्कूलों में पुस्तकालय अध्यक्ष का पद ही नहीं है, जबकि यहां 53 लाख से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ते हैं। हर साल लाखों रुपये की किताबें खरीदी जाती हैं, लेकिन अध्यक्ष न होने के कारण ये किताबें ताले में बंद रहती हैं। झालावाड़ जिले में 53 पद खाली हैं, और प्रथम श्रेणी का एकमात्र पद भी लंबे समय से खाली है।
तीन दशक से नए पद नहीं बने
पिछले 30 सालों में शिक्षा विभाग ने पुस्तकालय अध्यक्ष के लिए कोई नया पद नहीं बनाया, जिससे कर्मचारियों की पदोन्नति भी रुकी हुई है। झालावाड़ के 1500 स्कूलों में सिर्फ 90 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 53 खाली पड़े हैं।
पिछली भर्तियां
- 2016 में 562 पदों पर,
- 2018 में 700 पदों पर,
- 2022 में 470 पदों पर पुस्तकालय अध्यक्षों की भर्ती हुई थी।
वर्तमान में 500 पदों पर भर्ती चल रही है और 2023 में 300 पदों के लिए प्रक्रिया जारी है।
प्रावधान क्या है?
2015 के नियमों के अनुसार, कक्षा 6 से 12 तक यदि 201 छात्र नामांकित हों, तो एक पुस्तकालय अध्यक्ष का पद बनता है। हालांकि, 10 हजार से ज्यादा स्कूल उच्च माध्यमिक में अपग्रेड हुए, लेकिन पुस्तकालय अध्यक्ष के पद नहीं बनाए गए।
छात्रों को नुकसान
किताबें उपलब्ध होने के बावजूद पुस्तकालय अध्यक्ष न होने से छात्रों को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। शिक्षा विभाग को शारीरिक शिक्षकों की तरह पुस्तकालय अध्यक्षों के पद भी बनाने चाहिए।
झालावाड़ में स्थिति:
- प्रथम श्रेणी: 1 स्वीकृत, 0 कार्यरत, 1 खाली
- द्वितीय श्रेणी: 32 स्वीकृत, 5 कार्यरत, 27 खाली
- तृतीय श्रेणी: 57 स्वीकृत, 32 कार्यरत, 25 खाली
भर्ती प्रक्रिया जारी है
जिला शिक्षा अधिकारी हेमराज पारेता ने कहा कि पुस्तकालय अध्यक्षों की भर्ती जल्द की जाएगी, जिससे खाली पदों को भरा जा सकेगा और स्कूलों में पुस्तकालय व्यवस्था सुधरेगी।