राजस्थान विधानसभा में सोमवार को आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया गया, जिससे सदन में जमकर हंगामा हुआ।
क्या है मामला?
- सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने यह प्रस्ताव पेश किया।
- उन्होंने कहा कि 24 फरवरी को सुभाष गर्ग ने विधानसभा में गलत जानकारी दी और सदन का समय नष्ट किया।
- मामला भरतपुर के लोहागढ़ किले में रह रहे लोगों से जुड़ा है, जिन्हें प्रशासन ने नोटिस भेजे थे।
कांग्रेस ने किया विरोध
- कांग्रेस विधायकों ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया और नारेबाजी की।
- नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया।
- कांग्रेस ने कहा कि अगर विधायकों के सवालों पर इस तरह प्रस्ताव लाए जाएंगे, तो कोई भी अपनी बात नहीं रख सकेगा।
- उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
बीजेपी विधायक का पलटवार
- बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा ने सवाल उठाया कि क्या यह मामला भूमाफियाओं से जुड़ा है?
- उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन ने वाकई लोगों को नोटिस दिए हैं, तो इसके सबूत पेश किए जाएं।
- इस बयान पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई और सदन में हंगामा हुआ।
सुभाष गर्ग ने क्या कहा था?
- 24 फरवरी को विधायक सुभाष गर्ग ने लोहागढ़ किले में रह रहे लोगों की समस्या सदन में उठाई थी।
- उन्होंने कहा कि प्रशासन उनके घरों को अवैध बताकर तोड़ने की धमकी दे रहा है।
- इसके बाद सरकार ने इसे तथ्यहीन बताते हुए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश कर दिया।
प्रस्ताव की आगे की कार्रवाई
- विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मामले की जांच के लिए इसे विशेषाधिकार समिति (प्रिविलेज कमेटी) को सौंप दिया।
- समिति सुभाष गर्ग को अपना पक्ष रखने का मौका देगी।
- इस फैसले के विरोध में कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
राजनीतिक असर
- राष्ट्रीय लोक दल (RLD) केंद्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी है।
- इसके बावजूद राजस्थान में आरएलडी विधायक सुभाष गर्ग के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है।