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भोपाल। मोहन सरकार का बजट अगले 10 दिनों में विधानसभा में पेश होने वाला है। छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिले के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि 250 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट मिले, ताकि विकास कार्यों की गति तेज हो सके। बजट की कमी के कारण कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट रुके हुए हैं, जैसे मेडिकल कॉलेज, सड़कें, पुल-पुलिया, नगर निगम के विकास कार्य आदि।
नगर निगम को बजट की जरूरत
- नगर निगम में आर्थिक संकट बना हुआ है।
- 48 वार्डों में पिछले 3 साल से सड़क, पुल-पुलिया और नालियों का निर्माण नहीं हुआ।
- ट्रांसपोर्ट नगर बनाने के लिए 19 करोड़ रुपये चाहिए।
- महापौर विक्रम अहके ने मुख्यमंत्री से 130 करोड़ रुपये मांगे, लेकिन बजट का इंतजार करने कहा गया।
- नगर निगम की रसोईघरों को भी एक साल से फंड नहीं मिला।
- गांवों की पंचायतों को भी लंबे समय से बजट नहीं दिया गया।
रुके हुए बड़े प्रोजेक्ट
- मेडिकल कॉलेज सिम्स के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये चाहिए।
- सिंचाई कॉम्प्लेक्स, जेल कॉम्प्लेक्स को भी बजट की जरूरत।
- मिनी स्मार्ट सिटी, टाउनहाल पुरातात्विक धरोहर, ऑडिटोरियम हॉल, भरतादेव जैव विविधता पार्क अधूरे पड़े हैं।
बजट से लोगों की क्या उम्मीदें?
- इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग सेंटर और इंटर स्टेट बस स्टैंड बनाया जाए।
- ट्रांसपोर्ट नगर के लिए 19 करोड़ रुपये मिले।
- पेंच नदी में बाढ़ से टूटे पुलों का निर्माण हो।
- बेसहारा बालिकाओं के लिए बालिका गृह की स्थापना हो।
- छिंदवाड़ा को स्मार्ट सिटी, टाउनहाल, ऑडिटोरियम हॉल और जैव विविधता पार्क मिले।
- कृषि महाविद्यालय और उद्यानिकी महाविद्यालय का भवन बने।
- राजा शंकरशाह विश्वविद्यालय के भवन निर्माण पर ध्यान दिया जाए।
- पांढुर्ना में नए कार्यालयों और अधिकारियों की नियुक्ति की जाए।
अगर सरकार ने जिले को पर्याप्त बजट दिया, तो विकास कार्यों को गति मिल सकती है।