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भोपाल। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) खत्म होते ही राजधानी में भिखारी फिर सड़कों पर नजर आने लगे हैं। ट्रैफिक सिग्नलों, बाजारों और धार्मिक स्थलों के बाहर वे दोबारा भीख मांगते दिख रहे हैं। पहले भिखारियों पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन अब वो आदेश सिर्फ कागजों तक सीमित रह गया है। दुकानदारों ने भी फिर से उन्हें भीख देना शुरू कर दिया है, और इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
प्रतिबंध सिर्फ नाम का
समिट के दौरान भिखारियों को मुख्य क्षेत्रों से हटाया गया था, लेकिन अब कलेक्ट्रेट और सामाजिक न्याय परिसर के आसपास बड़ी संख्या में भिखारी दोबारा रहने लगे हैं। इनमें से कई मानसिक रूप से दिव्यांग भी हैं।
कार्रवाई के नाम पर सिर्फ दो FIR
- भिखारी हटाने के लिए प्रशासन ने चार टीमें बनाई थीं, जिनमें वार्ड प्रभारी, सामाजिक न्याय, श्रम विभाग और महिला बाल विकास के कर्मचारी शामिल थे।
- अब तक सिर्फ दो FIR दर्ज की गई हैं, लेकिन धरपकड़ की कार्रवाई बंद हो गई है।
- कोलार के आश्रय स्थल में 30 लोगों की क्षमता है, लेकिन सिर्फ 5 भिखारी वहां रह रहे हैं।
कोई ठोस व्यवस्था नहीं
- बाल भिखारियों की शिक्षा और पालन-पोषण के लिए कोई व्यवस्था नहीं।
- मानसिक रूप से दिव्यांग भिखारियों के इलाज के लिए भी अलग वार्ड नहीं बनाया गया।
- प्रशासन ने सिर्फ भिक्षावृत्ति को प्रतिबंधित किया है, लेकिन भिखारियों के पुनर्वास पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
रमजान में मस्जिदों के बाहर भीड़
रमजान के महीने में मस्जिदों के बाहर बड़ी संख्या में भिखारी भीख मांगते नजर आ रहे हैं।
भोपाल में कहां-कहां हैं भिखारियों के ठिकाने?
- कोहेफिजा थाने के पास GAD ब्रिज के नीचे।
- टाइसन मेडिकल के सामने, कोहेफिजा थाने के पास।
- ब्रिज के नीचे चार महिलाएं भिक्षावृत्ति करती हैं।
- एयरपोर्ट रोड और बोर्ड ऑफिस के पास।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने भिखारियों की धरपकड़ के लिए टीम बनाई है और नगर निगम के माध्यम से भिक्षुक गृह में व्यवस्था करने की बात कही है। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।