मध्य प्रदेश सरकार ने 2025-26 का बजट पेश किया, जो अब तक का सबसे बड़ा बजट रहा है। इस बजट के साथ एमपी ने पश्चिम बंगाल (3.89 लाख करोड़) और गुजरात (3.70 लाख करोड़) को पीछे छोड़ते हुए देश के टॉप 5 बड़े बजट वाले राज्यों में जगह बना ली है। लेकिन इस बजट में कर्ज की बढ़ती समस्या ने सभी को चौंका दिया है।
कर्ज में डूबा मध्य प्रदेश
राज्य पहले से ही भारी कर्ज में है, और अब इस बजट के बाद कर्ज और बढ़ने वाला है। सरकार को अपने वादे पूरे करने के लिए 84,739 करोड़ रुपये का नया कर्ज लेना पड़ेगा।
मध्य प्रदेश पर कुल कर्ज कितना?
- मार्च 2024: 3.61 लाख करोड़ रुपये कर्ज
- मार्च 2025: 4.21 लाख करोड़ रुपये कर्ज
- अगले साल तक: 4.99 लाख करोड़ रुपये कर्ज
इसका मतलब है कि हर नागरिक पर 60,000 रुपये से ज्यादा का कर्ज होगा।
देश के टॉप 5 राज्यों का बजट और कर्ज (लाख करोड़ में)
राज्य | कुल बजट | कुल कर्ज |
---|---|---|
उत्तर प्रदेश | 8.20 | 7.07 |
महाराष्ट्र | 7.20 | 9.30 |
राजस्थान | 5.37 | 7.26 |
मध्य प्रदेश | 4.21 | 4.21 |
पश्चिम बंगाल | 3.89 | 7.06 |
अब और ज्यादा कर्ज ले सकेगा मध्य प्रदेश
राज्य की अर्थव्यवस्था में 11.05% की वृद्धि हुई है।
- 2023-24: सकल घरेलू उत्पाद (GDP) – 13,53,809 करोड़ रुपये
- 2024-25: GDP – 15,03,395 करोड़ रुपये
सरकार का दावा है कि अगले विधानसभा चुनाव से पहले इसे 30 लाख करोड़ तक ले जाएंगे।
बढ़ते कर्ज से आर्थिक संकट की आशंका
- हालांकि, लगातार कर्ज बढ़ने से मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है। अगर सरकार ने सही वित्तीय योजना नहीं बनाई, तो यह राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी बन सकता है।