Related Articles
बालेसर: राजस्थान के शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 341 नए राजस्व गांव बनाए गए हैं, जिससे ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई है। शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ की सिफारिश पर राजस्व विभाग ने 45 और नए राजस्व गांवों की अधिसूचना जारी कर दी है।
सबसे ज्यादा नए राजस्व गांव बने
राजस्थान में पिछले एक साल में सबसे ज्यादा शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 341 नए राजस्व गांव बनाए गए हैं। इनमें से 296 गांवों की अधिसूचना पहले ही जारी हो चुकी थी और अब 45 और गांव जोड़े गए हैं।
45 नए राजस्व गांव घोषित
विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने उन ढाणियों (छोटे बस्तियों) को राजस्व गांव बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था, जो अभी तक बुनियादी सुविधाओं से वंचित थीं। सरकार ने इसे मंजूर करते हुए नई अधिसूचना जारी की है।
ये 45 गांव हुए राजस्व ग्राम घोषित
शेरगढ़ क्षेत्र में जिन ढाणियों को राजस्व गांव का दर्जा मिला है, उनमें शामिल हैं:
-
गिलाकौर पंचायत: मुल्तान नगर, रघुनाथ नगर, पन्नेसर
-
सोलंकियातला पंचायत: फुसानगर, मालणनगर
-
हनवंत नगर: गाजणावास
-
रायसर पंचायत: खेतसिंह नगर, डूंगरसिंह नगर, भींवसागर
-
रामगढ़ पंचायत: सांगसिंह नगर
-
सिंयादा पंचायत: विश्वकर्मा नगर, गंगासागर, मेहराजगढ़
-
गाजणावास पंचायत: प्रेमनगर
-
बारनाउ पंचायत: बाबा रामदेव नगर, रामनगर
-
केतु मदां पंचायत: केतु गोसाई नगर, केतु हरिसागर
-
धीरपुरा पंचायत: केतु मंगल नगर
-
भालू रतनगढ़ पंचायत: भालू आशापुरा
-
सेखाला पंचायत: जलन्धर नगर
-
देवराजगढ़ पंचायत: श्री अमरनगर
-
हिम्मतपुरा पंचायत: हरजी नगर
-
बापूनगर पंचायत: श्री पाबूनगर
-
डेरिया पंचायत: देवजी नगर
ग्रामीणों की खुशी और सरकार का आभार
राजस्व गांव बनने से ग्रामीणों को बिजली, सड़क, पानी, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री और विधायक बाबूसिंह राठौड़ का आभार जताया।
विधायक का बयान
विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने कहा,
“शेरगढ़ क्षेत्र में अभी भी कई ढाणियों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। इसलिए राजस्व ग्राम बनाकर इन्हें विकास योजनाओं से जोड़ा जा रहा है, ताकि हर गांव तरक्की कर सके।”