Related Articles
कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय (केएसओयू) ने अपना 20वां दीक्षांत समारोह मनाया। इस अवसर पर राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने छात्रों को प्रेरित किया और हर चुनौती को विकास का अवसर मानने की सलाह दी।
छात्रों को सफलता के लिए मेहनत करने की सीख
राज्यपाल ने कहा कि संघर्ष और असफलताएं सफलता की सीढ़ियां होती हैं। उन्होंने छात्रों को अपने सपनों को कभी न छोड़ने और लगातार प्रयास करते रहने के लिए प्रेरित किया।
नवाचार और अनुकूलनशीलता सफलता की कुंजी
राज्यपाल गहलोत ने बताया कि आज के डिजिटल युग में डेटा विज्ञान और नई तकनीकें दुनिया को बदल रही हैं। उन्होंने छात्रों को नवाचार और अनुकूलनशीलता अपनाने, रचनात्मकता विकसित करने और निरंतर सीखते रहने की सलाह दी।
पर्यावरण संरक्षण पर जोर
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को भी महत्वपूर्ण बताया और कहा कि जल, जंगल और हवा की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।
‘उठो, जागो और लक्ष्य तक मत रुको’
छात्रों को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हुए उन्होंने स्वामी विवेकानंद को उद्धृत किया –
“उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए।”
दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा में तेजी से बढ़ोतरी
इस अवसर पर राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि दुनिया भर में मुक्त दूरस्थ शिक्षा (ODL) और ऑनलाइन शिक्षा (OL) तेजी से बढ़ रही हैं।
-
भारत में दूरस्थ शिक्षा का नामांकन उच्च शिक्षा के कुल नामांकन का 10.62% है।
-
राष्ट्रीय डिजिटल विश्वविद्यालय का उद्देश्य ऑनलाइन शिक्षा को बेहतर बनाना है।
-
राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी छात्रों और शोधकर्ताओं को लाखों डिजिटल संसाधन प्रदान कर रही है।
सरकार की नई पहल
तिवारी ने बताया कि सरकार ने SWAYAM प्लेटफॉर्म के जरिए दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
ज्ञान के प्रसार में क्रांति
प्रौद्योगिकी, डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन संसाधनों के बढ़ते उपयोग से शिक्षा का स्तर बेहतर हुआ है और यह देश के हर कोने तक पहुंच रही है।
सम्मानित हस्तियां
दीक्षांत समारोह में सी.एम. इरफानुल्लाह शरीफ और डॉ. दक्षयिनी एस. अप्पा को समाज में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए मानद उपाधियों से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. शरणप्पा वी. हालसे और अन्य गणमान्य अतिथि भी मौजूद थे।