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जयपुर। पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग ने 15 अगस्त तक ग्राम पंचायतों के खाते में 1100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि डालने की जानकारी दी है। विभाग ने वित्त, सार्वजनिक निर्माण, पंचायती राज, मनरेगा, खाद्य नागरिक आपूर्ति और गृह विभाग के अधिकारियों के साथ सरपंच संघ के प्रतिनिधियों के साथ उनकी मांगों पर विस्तार से चर्चा की है।
सरपंचों की मांगें:
- मानदेय बढ़ाना: सरपंच संघ के प्रतिनिधियों ने अपना मानदेय 20 हजार रुपये बढ़ाने की मांग की है। इसके अलावा, मनरेगा योजना में काम करने वाले मेट और कारीगरों के मानदेय में वृद्धि की भी मांग की गई है।
- ऑनलाइन उपस्थिति की जगह ऑफलाइन: मनरेगा में श्रमिकों की उपस्थिति को ऑनलाइन के बजाय ऑफलाइन करने की मांग की गई है।
- जल जीवन मिशन: हर घर में जल वितरण योजनाओं का संचालन जलदाय विभाग को देने की मांग रखी गई है।
- कार्यकाल बढ़ाने: सरपंचों ने कुशल और अकुशल श्रमिकों के मानदेय में वृद्धि के साथ ही मध्यप्रदेश मॉडल पर अपना कार्यकाल बढ़ाने की मांग की है।
- अन्य मांगें: राजमार्गों पर टोल फ्री सुविधा, पंचायती राज कल्याण कोष बोर्ड बनाने, और पंचायतों को अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस जाब्ता उपलब्ध करवाने की मांगें भी रखी गई हैं।
इस बैठक के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार सभी मांगों को लेकर संवेदनशील है और गांवों के विकास के लिए कृत संकल्पित हैI