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राजस्थान सरकार ने प्रदेश की 23 हजार खानों और वहां काम करने वाले 15 लाख लोगों के रोजगार पर मंडराते संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा राज्य सरकार की ओर से चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ से मामले की तत्काल सुनवाई का आग्रह करेंगे। उम्मीद है कि सीजेआई मामले को गुरुवार दोपहर या शुक्रवार सुबह सुनने का समय देंगे।
राज्य सरकार ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें खानों को 7 नवंबर 2024 तक पुनर्मूल्यांकन के निर्देश दिए गए हैं। यदि ऐसा नहीं होता है, तो इन खानों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
सरकार का कहना है कि खानों के बंद होने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा और लाखों मजदूरों का रोजगार छिन जाएगा। इनमें शहीदों के परिवार और अनुसूचित जाति-जनजाति के परिवार भी शामिल हैं। इसके अलावा, निर्माण गतिविधियों पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे निर्माण सामग्री महंगी हो जाएगी।