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UPPSC: एक दिन, एक शिफ्ट और बिना नॉर्मलाइजेशन की मांग पर अड़े अभ्यर्थी, जानें क्या है पूरा मामला

सारांश:
UPPSC की PCS और RO-ARO प्रारंभिक परीक्षा को दो दिनों और कई शिफ्ट में कराने के फैसले के विरोध में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। अभ्यर्थी चाहते हैं कि परीक्षा एक ही दिन और एक शिफ्ट में हो और नॉर्मलाइजेशन का उपयोग न किया जाए। आइए जानें उनकी मांगें और विरोध की वजह।

विस्तार:
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने PCS और RO-ARO प्रारंभिक परीक्षाओं की नई तिथियां जारी की हैं, जिसमें परीक्षा दो दिनों और अलग-अलग शिफ्टों में कराई जाएगी। आयोग ने इसके लिए नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला लागू करने की भी योजना बनाई है। अभ्यर्थी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और सोमवार को हजारों छात्र प्रदर्शन करते हुए यूपी लोक सेवा आयोग कार्यालय तक पहुंच गए। इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई।

अभ्यर्थियों की मुख्य मांगें क्या हैं?
अभ्यर्थी चाहते हैं कि:

  1. परीक्षा एक ही दिन और एक शिफ्ट में आयोजित की जाए।
  2. परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला का उपयोग न हो।

अभ्यर्थियों का तर्क है कि दो शिफ्टों में परीक्षा कराने से नॉर्मलाइजेशन के चलते अंकों में असमानता हो सकती है, जिससे उनके चयन में बाधा आ सकती है।

पहले भी हो चुका है विरोध प्रदर्शन
इसी मांग के लिए अभ्यर्थी 21 अक्टूबर को भी प्रदर्शन कर चुके हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी हैशटैग अभियान के जरिए छात्रों ने अपनी बात रखी, जिसमें लाखों छात्रों का समर्थन मिला।

क्यों जरूरी है दो दिन और नॉर्मलाइजेशन?
UPPSC के अनुसार, PCS परीक्षा के लिए पर्याप्त परीक्षा केंद्र नहीं मिलने के कारण इसे दो दिनों में आयोजित करना आवश्यक हो गया है। राज्य के 75 जिलों में 1758 केंद्रों की जरूरत थी, लेकिन केवल 978 केंद्र ही उपलब्ध हो सके, जो सभी अभ्यर्थियों के लिए पर्याप्त नहीं हैं। RO-ARO परीक्षा के लिए तो पंजीकृत अभ्यर्थियों की संख्या और भी अधिक है। ऐसे में, आयोग को यह परीक्षा दो दिनों और तीन शिफ्टों में आयोजित करनी पड़ेगी।

नॉर्मलाइजेशन का क्या है मतलब?
नॉर्मलाइजेशन के तहत अभ्यर्थियों के अंकों को संतुलित किया जाता है ताकि शिफ्ट में कठिनाई के स्तर में भिन्नता का असर न पड़े। यह प्रक्रिया अन्य राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, केरल, और तेलंगाना में भी बहुपालीय परीक्षाओं के लिए अपनाई जाती है।

आंदोलन की आगे की योजना
अभ्यर्थियों ने आयोग के इस निर्णय के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर करने का भी निर्णय लिया है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार भर्ती प्रक्रिया के बीच में नियमों में बदलाव नहीं होना चाहिए।

परीक्षा कार्यक्रम
PCS प्रारंभिक परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को, और RO-ARO परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को दो अलग-अलग शिफ्टों में आयोजित की जाएगी।

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