बीना. सिविल अस्पताल में तैनात कुछ डॉक्टर अस्पताल में कम और निजी क्लीनिकों में ज्यादा समय दे रहे हैं, जिससे अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को परेशानी हो रही है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और न ही कोई कार्रवाई कर रहे हैं।
अस्पताल के कुछ डॉक्टर अपने घर या निजी क्लीनिक पर मरीजों का इलाज करते हैं। कई बार अस्पताल में आए मरीजों को भी अपनी क्लीनिक में आने की सलाह दे दी जाती है। अस्पताल में लोग मुफ्त इलाज की उम्मीद से आते हैं, जबकि निजी क्लीनिक में दवाओं और जांच के लिए पैसे देने पड़ते हैं। कुछ डॉक्टर तो ड्यूटी समय में भी क्लीनिक में जाकर मरीजों को देखते हैं। इसकी जानकारी अधिकारियों को होने के बावजूद इस पर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिससे मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
सोनोग्राफी मशीन बंद
अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन आए एक साल से ज्यादा हो चुका है, लेकिन अब तक इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पाया है। अस्पताल में मौजूद स्त्री रोग विशेषज्ञ के बावजूद गर्भवती महिलाओं को निजी लैब में जांच कराने के लिए कहा जाता है, जहां उन्हें 500 से 1000 रुपए देने पड़ते हैं।
उप स्वास्थ्य केन्द्रों पर नहीं जाती सीएचओ
उप स्वास्थ्य केंद्रों में तैनात सीएचओ (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) कई जगहों पर कभी-कभी ही पहुंचते हैं, जबकि रोज़ाना उनकी उपस्थिति अनिवार्य है। अधिकारियों द्वारा इसकी निगरानी भी नहीं की जा रही है।
शिकायत पर होगी कार्रवाई
सागर की सीएमएचओ, डॉ. ममता तिमोरी, ने कहा कि यदि किसी डॉक्टर के खिलाफ निजी क्लीनिक में सेवा देने की शिकायत आती है, तो कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर अपने घर पर इलाज कर सकते हैं, लेकिन किसी अन्य की क्लीनिक पर नहीं। जल्द ही सोनोग्राफी मशीन चालू करने के लिए डॉक्टर को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।