भारत सरकार डिजिटल कृषि मिशन के तहत किसानों की पहचान को मजबूत और सरल बनाने के लिए 12 अंकों की यूनिक फार्मर आईडी तैयार कर रही है। यह आईडी किसानों की व्यक्तिगत, जमीन, और कृषि से जुड़ी जानकारी को डिजिटल रूप में संग्रहीत करेगी। इसका उद्देश्य किसानों को फसल बीमा, कृषि ऋण, प्राकृतिक आपदा में हुए नुकसान का सही आकलन, और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी परेशानी के उपलब्ध कराना है।
फार्मर कार्ड की मुख्य विशेषताएं
- डिजिटल पहचान:
किसानों को आधार कार्ड की तरह यूनिक आईडी दी जाएगी, जिसमें उनकी जमीन का विवरण, खेती की फसल, मवेशी, और अन्य कृषि संबंधी जानकारी दर्ज होगी। - फसल बीमा और नुकसान का आकलन:
प्राकृतिक आपदा में फसलों को हुए नुकसान का सटीक आकलन इस डिजिटल डेटा के जरिए किया जाएगा। इससे मुआवजे में देरी और गलत आंकलन की समस्या खत्म होगी। - डिजिटल फसल सर्वेक्षण:
इस आईडी में किसान की बोई गई फसल, उत्पादन की मात्रा, और फसल कटाई का विवरण होगा। सैटेलाइट इमेज और डिजिटल डेटा की मदद से सरकार को सही उत्पादन अनुमान मिलेगा। - कृषि ऋण और सुविधाएं:
किसान किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और कृषि ऋण के लिए इस कार्ड का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, किसान को फसल लोन और अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी। - डिजिटल रिकॉर्ड और गिरदावरी में सहायता:
जमीन का नक्शा, रजिस्ट्री, और अन्य रिकॉर्ड इस कार्ड में मौजूद होंगे। गिरदावरी के समय किसान आसानी से अपनी जानकारी को सत्यापित कर सकते हैं।
फार्मर कार्ड से किसानों को कैसे होगा फायदा?
- सरकारी योजनाओं तक सीधा लाभ:
किसान आसानी से प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना, फसल बीमा योजना, और सब्सिडी का लाभ उठा सकेंगे। - प्राकृतिक आपदा में राहत:
इस आईडी से फसल नुकसान का तुरंत पता लगाया जा सकेगा और मुआवजे की राशि किसानों के खाते में सीधे जमा होगी। - डिजिटल कृषि की शुरुआत:
किसानों को डिजिटल रूप से अपनी फसल की बिक्री, उत्पादन, और खेती से संबंधित जानकारी अपडेट करने की सुविधा मिलेगी। - डेटा का उपयोग:
वैज्ञानिक तौर पर फसल कटाई और बीज रोपण के लिए प्राप्त डेटा का इस्तेमाल कर उत्पादन बढ़ाया जा सकेगा। - निवेश और योजनाएं:
सरकार इस डेटा के आधार पर कृषि क्षेत्र में निवेश और नई योजनाओं को अधिक प्रभावी तरीके से लागू कर सकेगी।
डिजिटल कृषि मिशन के तहत प्रगति
- पायलट प्रोजेक्ट:
छतरपुर जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 3,000 किसानों का डेटा तैयार हो चुका है। - अंतिम लक्ष्य:
केंद्र सरकार ने 2024-25 तक सभी किसानों को यह यूनिक आईडी उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। - प्रदेश स्तर की प्रगति:
छतरपुर जिला, किसानों के डिजिटल सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश के टॉप 10 जिलों में शामिल है।
सरकारी अधिकारियों की राय
आदित्य सोनकिया, भू-अभिलेख अधीक्षक का कहना है कि इस परियोजना से किसानों को डिजिटल पहचान मिलेगी और उनकी कृषि गतिविधियों को अधिक वैज्ञानिक और पारदर्शी बनाया जाएगा। उम्मीद है कि अगले साल के अंत तक यह सुविधा देशभर के किसानों के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
डिजिटल कृषि मिशन का यह कदम किसानों के जीवन को सरल और सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।