वित्त वर्ष 23 में भारत के कुल निर्यात का आधे से अधिक प्रतिशत वाणिज्यिक निर्यात था, इसके बाद सेवाओं का निर्यात था। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मेक इन इंडिया की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हालांकि, 10-15 साल पहले यह ज्यादातर सेवाओं में हुआ करता था। उन्होंने विनिर्माण के कारण निर्यात को बढ़ावा देने को देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया।
रोजगार सृजन में विनिर्माण क्षेत्र के महत्व के बारे में बताते हुए वैष्णव ने कहा, “जब पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया की शुरुआत की थी, तो इसके पीछे एक गहरी सोच थी। अगर भारत में चीजों का निर्माण होता है, तो हमारे लोगों को रोजगार मिलता है और हमारे छोटे और सूक्ष्म उद्योग रोजगार पैदा करते हैं। यदि दूसरे देशों को निर्यात बढ़ता है, तो देश में पैसा आता है और एक तरह से देश की आय और अर्थव्यवस्था में बदलाव आता है। इसी सोच के साथ मेक इन इंडिया की शुरुआत की गई। इसकी सफलता स्पष्ट है।