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घटना का विवरण
डोमपुरा गांव में पशुपालक राकेश जाटव का बेटा अरुण और उसका रिश्तेदार अमर जाटव भैंसों के पास बाउंड्री के अंदर सो रहे थे। रात करीब 1 बजे नौ बदमाश आए, जिनमें से दो के पास बंदूक और बाकी के पास कट्टे और लाठियां थीं। बदमाश पाइप के सहारे बाउंड्री में घुसे और सबसे पहले दोनों के मुंह बंद कर दिए।
भैंसों और पैसे की लूट
- बदमाशों ने दूध देने वाली पांच भैंसें खोल लीं और बिना दूध वाली भैंसों को छोड़ दिया।
- दोनों पशुपालकों के हाथ बांधकर उन्हें मारते-पीटते अपने साथ ले गए।
- अमर जाटव और अरुण जाटव की जेब से कुल 13 हजार रुपये भी छीन लिए।
- बाद में बदमाशों ने दोनों को आसन नदी के बीहड़ में छोड़ दिया और भैंसों को अपने साथ ले गए।
ग्रामीणों ने की खोजबीन
घटना की सूचना के बाद ग्रामीणों ने भैंसों और पशुपालकों की खोज शुरू की। बीहड़ में दोनों पशुपालक मिले, जबकि भैंसों के लोहगढ़ गांव तक होने की जानकारी मिली।
पुलिस की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना देने के बावजूद पुलिस सुबह 5:30 बजे पहुंची। इस पर ग्रामीणों ने आक्रोश जताया। पुलिसकर्मी ने संसाधनों की कमी बताते हुए कहा कि पूरे थाने में एक ही गाड़ी है।
पीड़ितों और पुलिस का बयान
- अमर सिंह जाटव: “बदमाश आए, मुंह बंद कर दिया, भैंसें और पैसे छीनकर मारपीट की और बीहड़ में छोड़ दिया।”
- अरुण जाटव: “बदमाशों ने हम दोनों को बंधक बनाया और भैंसें ले गए। मारपीट कर हमें बीहड़ में छोड़ दिया।”
- थाना प्रभारी दर्शन शुक्ला: “पांच भैंसों की चोरी का मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों की तलाश जारी है।”
ग्रामीणों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है।