Breaking News

पौष माह 2024: पौष में करें यह एक काम, पूरी होगी मनचाही मुराद, जानें कब से शुरू हो रहा है पौष माह

पौष माह का महत्व
पौष हिंदी कैलेंडर का दसवां महीना है, जो आमतौर पर दिसंबर और जनवरी में आता है। यह महीना धार्मिक दृष्टि से बहुत खास माना जाता है, क्योंकि इस दौरान सूर्य पूजा, पितरों के पिंडदान, तर्पण आदि कार्य किए जाते हैं। इस माह के दौरान किए गए धार्मिक कार्यों का फल कई गुना बढ़ जाता है।

पौष माह में सूर्य पूजा और शुभ कार्य
मान्यता है कि यदि इस पूरे महीने सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाए, तो इससे व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही, पितरों का पिंडदान और श्राद्ध भी इस महीने में बहुत शुभ माने जाते हैं, जिससे घर में सुख-शांति और सौभाग्य का आगमन होता है।

मनोकामनाएं पूरी करने के उपाय
पौष माह में यदि कोई व्यक्ति सुबह स्नान करके तांबे के बर्तन से सूर्य देव को जल अर्पित करता है, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही, यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। मध्य रात्रि की साधना भी इस महीने में बहुत शुभ फल देने वाली मानी गई है।

पौष माह में क्या दान करें
इस माह में गरम वस्त्र, कंबल और नौ प्रकार के अन्न का दान करना चाहिए। यह कार्य देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक उत्तम तरीका है।

पौष माह में क्या करें

  1. गीता का पाठ और भगवान कृष्ण का ध्यान करें।
  2. तुलसी के पत्तों का भोग भगवान को लगाएं और प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
  3. भगवान विष्णु के मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करें।
  4. जरूरतमंद लोगों को अरहर की दाल और चावल की खिचड़ी में घी डालकर खिलाएं।
  5. लाल रंग के कपड़े पहनें और तांबे के बर्तन में दान करें।
  6. सोमवार को भगवान शिव की पूजा करें और बेलपत्र चढ़ाएं।

पौष माह में क्या न करें
पौष माह में कोई भी नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसे शुभ परिणाम नहीं मिलते हैं।

पौष माह 2024 की शुरुआत
पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर 2024 से हो रही है और यह 13 जनवरी 2025 तक चलेगा।

पौष माह 2024 के व्रत और त्योहार

  • 18 दिसंबर 2024: संकष्टी गणेश चतुर्थी
  • 22 दिसंबर 2024: कालाष्टमी
  • 25 दिसंबर 2024: मदन मोहन मालवीय जयंती, क्रिसमस
  • 26 दिसंबर 2024: सफला एकादशी
  • 28 दिसंबर 2024: प्रदोष व्रत
  • 29 दिसंबर 2024: मासिक शिवरात्रि
  • 30 दिसंबर 2024: अमावस्या, सोमवार व्रत
  • 01 जनवरी 2025: नव वर्ष, चंद्र दर्शन
  • 03 जनवरी 2025: वरद चतुर्थी
  • 05 जनवरी 2025: षष्ठी
  • 06 जनवरी 2025: गुरु गोबिंद सिंह जयंती
  • 07 जनवरी 2025: दुर्गाष्टमी व्रत
  • 10 जनवरी 2025: वैकुंठ एकादशी
  • 11 जनवरी 2025: कूर्म द्वादशी व्रत, प्रदोष व्रत
  • 12 जनवरी 2025: स्वामी विवेकानंद जयंती
  • 13 जनवरी 2025: पौष पूर्णिमा, माघ स्नान प्रारंभ, लोहड़ी

डिस्क्लेमर
इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के उद्देश्य से है। इसे अपनाने से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

About admin

Check Also

पहले धूल उड़ती थी, अब गुलाल – होली के बदलते रंग

समय के साथ सब कुछ बदलता है, तो हमारे त्योहार भी पीछे कैसे रह सकते …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Channel 009
help Chat?