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अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट):
नई शिक्षा नीति के तहत अपार आईडी (12 अंकों का स्थायी शैक्षणिक खाता) को छात्रों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है।
- इस आईडी से छात्रों को मिलने वाले सभी लाभ मिल सकेंगे।
- यह पूरे देश में मान्य होगी और छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को सुरक्षित रखेगी।
नाम की असमानता बनी समस्या:
- शाला दर्पण और आधार कार्ड में नामों में असमानता के कारण छात्रों और अभिभावकों को मुश्किलें हो रही हैं।
- लगभग 80% छात्रों और अभिभावकों के दस्तावेजों में नाम अलग-अलग दर्ज हैं।
- नाम सुधारने के लिए आधार, राशन कार्ड, पैन कार्ड, और अन्य दस्तावेजों में बदलाव करवाने में अभिभावकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकारी आदेश और व्यवहारिक समस्याएं:
- सरकार ने अपार आईडी अनिवार्य करने का आदेश जारी कर दिया है, लेकिन इससे जुड़ी समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान नहीं दिया गया।
- नाम सुधार की प्रक्रिया जटिल होने के कारण छात्र और अभिभावक बार-बार दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
सरल प्रक्रिया की मांग:
- शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के प्रदेशाध्यक्ष नीरज शर्मा ने अपार आईडी पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग की है।
- उनका कहना है कि ऐसा सिस्टम बनाया जाए जिससे छात्रों और अभिभावकों को बार-बार दस्तावेजों में सुधार करवाने की जरूरत न पड़े।
निष्कर्ष:
सरकार को अपार पंजीकरण प्रक्रिया को आसान और समयबद्ध बनाने पर काम करना चाहिए, ताकि छात्रों और अभिभावकों की परेशानियां कम हो सकें।