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शिक्षा विभाग की देरी
राजस्थान के शिक्षा विभाग ने ‘अध्यापक दैनन्दिनी’ (शिक्षक डायरी) आधा सत्र बीत जाने के बाद वितरित की है। यह डायरी सत्र की शुरुआत में दी जानी चाहिए थी। शिक्षक संगठन इस लेटलतीफी पर सवाल उठा रहे हैं।
डायरियों पर पाबंदी और शिक्षकों की समस्या
सरकार बदलने के बाद पुरानी डायरियों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी, क्योंकि उन पर पिछली सरकार और तत्कालीन मंत्रियों के नाम छपे थे। नतीजतन, शिक्षकों को बिना डायरियों के ही काम करना पड़ा।
- शिक्षकों को कार्ययोजना मौखिक रूप से समझानी पड़ी।
- निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को भी मौखिक जानकारी दी गई।
राजस्थान पत्रिका ने उठाया मुद्दा
21 अगस्त 2024 को राजस्थान पत्रिका ने इस मुद्दे पर खबर छापी थी, जिसमें बताया गया था कि डायरियों की अनुपलब्धता से शिक्षकों को कामकाज और जांच में दिक्कतें हो रही हैं।
अधिकारियों का कहना
डूंगरपुर के डीईओ आरएल डामोर ने कहा कि अब डायरियां स्कूलों को भेज दी गई हैं। शेष सत्र की सभी गतिविधियां इन डायरियों में दर्ज होंगी।
नई डायरियों के बदलाव
- वर्तमान शिक्षा मंत्री का संदेश शामिल।
- मुख्य पृष्ठ पर भारत का मानचित्र और भारत माता की फोटो।
- सूर्य नमस्कार की दस मुद्राओं के चित्र।
- संपादक समूह और मार्गदर्शक दल के नाम।
शिक्षकों की प्रतिक्रिया
- शिक्षक संगठनों ने नई डायरियों को फिजूलखर्ची बताया।
- उन्होंने कहा कि पुरानी डायरियों से भी काम चल सकता था।
- बीच सत्र में डायरियां भेजने का कोई औचित्य नहीं है।