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जयपुर: राजस्थान में सरकारी महकमे लंबे समय से खाली पदों और कार्यवाहकों के भरोसे चल रहे हैं। कहीं पद 6 महीने से खाली हैं तो कहीं 7 साल से स्थायी नियुक्ति नहीं हुई। शिक्षकों की भर्ती समेत कई काम अधूरे हैं।
आरपीएससी में खाली पद
राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) में 5 महीने से अध्यक्ष और एक सदस्य का पद खाली है। 1 अगस्त को अध्यक्ष संजय कुमार श्रोत्रिय का कार्यकाल समाप्त होने के बाद सदस्य केसी मीणा को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया। इसके अलावा, जून में सदस्य जसवंत राठी के निधन और वरिष्ठ सदस्य बाबूलाल कटारा के निलंबन के बाद से पद रिक्त हैं।
विश्वविद्यालयों का हाल
- महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय: 26 नवंबर को कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला का कार्यकाल समाप्त हुआ। अब तक कुलपति की सर्च कमेटी का गठन नहीं हो पाया है।
- महिला इंजीनियरिंग कॉलेज: 2017 से स्थायी प्राचार्य नहीं है। वर्तमान में डॉ. प्रकृति त्रिवेदी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में ढाई साल से स्थायी अध्यक्ष नहीं है। 2022 में रीट पेपर लीक मामले के बाद प्रो. डीपी जारोली को हटाया गया। तब से यह विभाग विभिन्न प्रशासकों के भरोसे है। वर्तमान में संभागीय आयुक्त महेशचंद्र शर्मा अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं।
इन समस्याओं का हो रहा नुकसान
- शिक्षकों की भर्ती रुकी हुई है।
- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में पाठ्यक्रम और शैक्षिक नवाचार पर चर्चा नहीं हो रही।
- आरपीएससी में सिर्फ रूटीन फाइलों पर काम हो रहा है।
- इंजीनियरिंग कॉलेजों में पे-रेक्टिफिकेशन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
सरकारी पदों पर स्थायी नियुक्ति की कमी से राजस्थान के शैक्षिक और प्रशासनिक कार्यों पर गहरा असर पड़ रहा है।